UPKeBol : वाराणसी। शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि को माता सिद्धिदात्री के दर्शन-पूजन का विधान है। काशी के गोलघर स्थित सिद्धिदात्री माता का प्राचीन मंदिर स्थित है। यहां भोर से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। मंगला आरती के बाद से ही भक्तों के लिए दर्शन-पूजन के लिए पट खोल दिया गए। ऐसी मान्यता है कि माता सभी प्रकार की सिद्धियां प्रदान करने वाली हैं। उनके दर्शन मात्र से सारी मनोकामना पूरी होती है।
- जो भक्त किसी भी कारणवश नवरात्र में आठ दिन माता के आठ स्वरूपों का दर्शन पूजन नहीं कर पाते हैं। वो यदि नवमी तिथि के दिन माता सिद्धिदात्री के दर्शन-पूजन कर लें तो उन्हें नौ देवियों का आशीर्वाद और शुभफल की प्राप्ति होती है
मंदिर के महन्त बच्चा लाल मिश्र ने बताया कि नवरात्र की नवमी तिथि को माता सिद्धिदात्री की दर्शन-पूजन का विधान है। माता सिद्धिदात्री अपने नाम सिद्धिदात्री के अनुरूप सिद्धि प्रदान करती हैं। लोग यहां साल भर दर्शन-पूजन करने आते हैं। काशी में नवमी तिथि पर आस्था का सैलाब उमड़ता है।
महन्त बच्चा लाल मिश्र ने बताया कि जो भक्त किसी भी कारणवश नवरात्र में आठ दिन माता के आठ स्वरूपों का दर्शन पूजन नहीं कर पाते हैं। वो यदि नवमी तिथि के दिन माता सिद्धिदात्री के दर्शन-पूजन कर लें तो उन्हें नौ देवियों का आशीर्वाद और शुभफल की प्राप्ति होती है।
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