- शिक्षा जगत की रीढ़ हैं प्रधानाचार्य – पदमसेन चौधरी
- बहराइच में शिक्षा और प्रधानाचार्यों की भूमिका पर हुई विस्तृत चर्चा
बहराइच। उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद, जनपद बहराइच के तत्वावधान में जनपदीय सम्मेलन एवं शैक्षिक विचार गोष्ठी का आयोजन कमला देवी इंटर कॉलेज, बहराइच में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में जिले के कई शिक्षाविद, प्रधानाचार्य, एवं विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।
शिक्षण संस्थान की गुणवत्ता प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों की मेधा पर निर्भर – पदमसेन चौधरी

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद एवं एमएलसी माननीय पदमसेन चौधरी ने प्रधानाचार्यों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे शिक्षा जगत की रीढ़ हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी शिक्षण संस्थान की गुणवत्ता प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों की मेधा पर निर्भर करती है। यदि प्रधानाचार्य मजबूत, योग्य और शिक्षित होंगे, तो ही शिक्षा व्यवस्था सुचारु रूप से संचालित हो सकेगी।
उन्होंने परिषद के इस आयोजन को शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के हितों के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि जब तक कोई संगठन संघर्ष नहीं करता, तब तक उसकी मांगें पूरी नहीं होतीं। इसलिए प्रधानाचार्यों को जनप्रतिनिधियों से संवाद कर अपनी मांगों को मजबूती से रखना चाहिए।
प्रधानाचार्य परिषद ने सरकार के समक्ष रखी मांगे
- तदर्थ प्रधानाचार्यों का विनियमन किया जाए।
- सेवाओं की सुरक्षा हेतु धारा 18, 12, 21 जैसी आवश्यक धाराएं जोड़ी जाएं।
- वित्तविहीन शिक्षकों के लिए सेवा नियमावली बनाई जाए।
- वित्तविहीन शिक्षकों को कम से कम ₹28,000 मासिक मानदेय दिया जाए।
उन्होंने सरकार से इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई करने की अपील की, जिससे शिक्षकों एवं प्रधानाचार्यों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा मिल सके।
बहराइच में हुआ उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के जनपदीय सम्मेलन का भव्य आयोजन
सम्मेलन में विभिन्न शिक्षाविदों का मार्गदर्शन
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज कुमार अहिरवार ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीनिवास शुक्ल, श्रीनाथ शुक्ल (अध्यक्ष, न्याय समिति), टी.पी. सिंह, रामसुंदर पांडेय उपस्थित रहे।
अतिथियों ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को सशक्त बनाना शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए आवश्यक है। शिक्षण संस्थानों की मजबूती के बिना समाज में अच्छे नागरिकों का निर्माण संभव नहीं है।
शिक्षकों की गरिमा को बनाए रखने का संकल्प
इस अवसर पर प्रधानाचार्य परिषद के पुरुषोत्तम वर्मा, पंकज पाठक, जे.पी. वर्मा, बृजेंद्र कुमार मिश्र, मधु चौधरी, ममता रानी भी मौजूद रहे। सभी ने शिक्षकों की गरिमा को बनाए रखने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए निरंतर प्रयास करने का संकल्प लिया।
यह जनपदीय सम्मेलन और शैक्षिक विचार गोष्ठी शिक्षा प्रणाली में सुधार और प्रधानाचार्यों की भूमिका को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुई। प्रधानाचार्य परिषद द्वारा उठाई गई मांगों पर यदि सरकार ध्यान देती है, तो इससे शिक्षा क्षेत्र को मजबूती मिलेगी और समाज में एक नई शिक्षण संस्कृति का विकास होगा।