UPKeBol : नई दिल्ली। चंद्रयान-3 मिशन में लगाए गए लेजर-प्रेरित स्पेक्ट्रोस्कोप (प्रज्ञान) से हाइड्रोजन की खोज जारी है, लेकिन प्रज्ञान ने हाइड्रोजन की खोज से पहले अब चंद्रमा की सतह पर सल्फर की उपस्थिति की पुष्टि की है। चंद्रयान-3 के स्पेक्ट्रोस्कोप (प्रज्ञान) की इस खोज ने वैज्ञानिकों में उत्साह जगा दिया है, इसकी पुष्टि इसरो के ट्वीट से हुई है। इसके अलावा, स्पेक्ट्रोस्कोप ने अन्य महत्वपूर्ण धातुओं और तत्वों की भी पहचान की है। इस विकास के साथ, अब चंद्रमा की सतह के हर अनसुलझे रहस्य से पर्दा उठ सकेगा। स्पेक्ट्रोस्कोप के माध्यम से हाइड्रोजन की खोज भी जारी है। हाइड्रोजन मिलने के बाद पानी और जीवन की संभावनाओं को बल मिल सकेगा।
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हाइड्रोजन का पता लगने से जीवन की संभावना को मिलेगा बल
चंद्रयान-3 प्रयोग के परिणामों में से एक प्रमुख खोज चंद्रमा की सतह पर सल्फर की स्पष्ट उपस्थिति है। एल्यूमीनियम, कैल्शियम, लोहा, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन जैसे अन्य खनिजों के साथ अब चन्द्रमा पर सल्फर की उपस्थिति की पुष्टि हो गयी है। इससे चंद्रमा की गहराई में रासायनिक प्रक्रियाओं की बेहतर समझ हो सकती है, जिससे वैज्ञानिकों को चंद्रमा के छिपे रहस्यों को उजागर करने में मदद मिलेगी।
यह प्रयोग चंद्रयान-3 मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता का प्रतीक है और वैज्ञानिक समुदाय के लिए उत्साह का एक नया स्रोत प्रदान करता है। चंद्रयान-3 मिशन चंद्रमा की उपयोगिता और वर्तमान स्थितियों पर नए दृष्टिकोण पेश कर रहा है। इसके अलावा, हाइड्रोजन की खोज चंद्रमा की वायुमंडलीय विशेषताओं को समझने में योगदान देगी, जो अंतरिक्ष अन्वेषण और मानव यात्रा दोनों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।
चंद्रयान-3 मिशन ने संबंधित क्षेत्रों में वैज्ञानिकों को अनुसंधान के लिए नए और दिलचस्प रास्ते उपलब्ध कराए हैं। यह सफलता सकारात्मक पहलुओं को सशक्त बनाएगी और अंतरिक्ष अनुसंधान के महत्व को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी। चंद्रयान-3 के साथ प्रयोग की सफलता तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाएगी, अन्य संभावित अनुसंधान अवसरों के द्वार खोलेगी।”
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