- बहराइच में सड़क किनारे बैठे युवक पर हमला कर तेन्दुए ने दिनदहाड़े नोंचा, महिलाओं ने तेन्दुए से संघर्ष कर बचाई जान
- निशानगाड़ा रेन्ज अंतर्गत कारीकोट किला के पास हुई घटना, खेत मे बकरी चरा रहा था युवक
उवेश रहमान
बहराइच। जिले के कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में इंसान और वन्यजीव के बीच संघर्ष की एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। निशानगाड़ा रेंज के अंतर्गत कारीकोट किले के पास एक तेंदुए ने दिनदहाड़े बकरी चरा रहे युवक पर हमला कर दिया। इस हमले के दौरान पास में काम कर रही महिलाओं ने अदम्य साहस दिखाते हुए तेंदुए से भिड़कर युवक की जान बचाई। इस घटना से इलाके में भय का माहौल है।
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कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के निशानगाड़ा रेंज के अंतर्गत कारीकोट ग्राम पंचायत में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। बर्गदपुरवा निवासी पप्पू (23 वर्ष) जो कारीकोट किले के पास बकरियां चरा रहा था, अचानक गन्ने के खेत से निकले तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया।
तेंदुआ पप्पू को घसीटकर ले जाने की कोशिश कर रहा था। इसी दौरान पास में खेतों में काम कर रही महिलाओं ने साहस दिखाते हुए लाठी-डंडों से तेंदुए का मुकाबला किया। पांच मिनट तक संघर्ष के बाद तेंदुआ वहां से भाग निकला।
महिलाओं का साहस और ग्रामीणों की मदद
घटना के बाद गजमित्र इक़रार अहमद ने तुरंत वन विभाग को सूचित किया। वनक्षेत्राधिकारी सुरेंद्र श्रीवास्तव के नेतृत्व में वनरक्षक कौशल किशोर मौके पर पहुंचे और घायल युवक को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) सुजौली में भर्ती कराया। वहां पर प्राथमिक उपचार के बाद उसे मोतीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेफर कर दिया गया है।
घटना से ग्रामीणों में दहशत
इस घटना के बाद इलाके के लोगों में दहशत का माहौल है। वन विभाग ने ग्रामीणों को गजमित्रों के माध्यम से सतर्क रहने और तेंदुए से बचने के उपायों की जानकारी दी है।
वन विभाग का बयान
वनरेंजर सुरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया, “ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। तेंदुए के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। यदि तेंदुआ फिर से दिखाई देता है, तो उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाएगा।”
सुरक्षा के लिए सुझाव
1. अकेले खेतों में न जाएं।
2. गजमित्रों के निर्देशों का पालन करें।
3. तेंदुए के मूवमेंट की सूचना तुरंत वन विभाग को दें।
दिनदहाड़े तेन्दुए के हमले ने खड़े किए सवाल
इस घटना ने वन्यजीवों और मानव बस्तियों के बीच बढ़ते संघर्ष पर सवाल खड़े कर दिए हैं। तेंदुए का गांव के पास आना यह दर्शाता है कि उनके प्राकृतिक आवास में भोजन की कमी हो रही है।
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