अंकित मिश्रा, UPKeBol : गोण्डा। कहने को तो कमिश्नरी मुख्यालय है, लेकिन बिजली कटौती से पनपी दुश्वारियों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। भीषण गर्मी व उमस के बीच ताबड़तोड़ विद्युत कटौती ने न सिर्फ सुख-चैन छीना है बल्कि, दैनिक कामकाज व दिनचर्या भी प्रभावित है। सुबह से देर रात तक यहां पर विद्युत कटौती का सिलसिला चलता रहता है, इससे लोग आजिज आ गए हैं। हर कोई अब सोचने को मजबूर है कि आखिर ये बिजली व्यवस्था कैसे सुधरे। दरअसल, इस सीजन में अवर अभियंताओं के प्रोन्नत व तबादले ने जिले की व्यवस्था बिगाड़ दी है।
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सरकार विद्युत व्यवस्था दुरुस्त करने की बात कह रही है, अधिकारियों को निरंतर दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं इसके बावजूद देवीपाटन मंडल मुख्यालय गोंडा की हालत खराब है। मुख्यालय पर अभियंताओं की भारी कमी हो गई है। कई उपकेन्द्रों का संचालन उधार के अभियंताओं या फिर प्राविधिक कर्मचारियों के हाथों किया जा रहा है। महज तीन अभियंता समूचे मुख्यालय को संभाल रहे हैं।
महज तीन अभियंताओं के सहारे है गोंडा शहर की बिजली व्यवस्था, कई इलाके अभियंता विहीन होने से बढ़ी परेशानी
बताया जा रहा है कि मुख्यालय में पहले सात अभियंताओं की तैनाती थी। इनमें सिविल लाइन क्षेत्र में अवर अभियंता सुनील कुमार की तैनाती है। उन्हें एक डिवीजन में कई वर्ष होने से तबादले की सूची में हैं। पूरा शहर क्षेत्र दूसरे अवर अभियंता सुरेश कुमार मौर्या के हवाले है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र के शिवा बख्तावर उपकेन्द्र के अवर अभियंता अनिल कुमार मानस के जिम्मे अब आवास विकास उपकेन्द्र भी कर दिया गया है। इसके बावजूद बड़गांव क्षेत्र खाली पड़ा है। जबकि अफसरों के आवासों के चलते सिविल लाइन और बड़गांव व आवास विकास सबसे संवेदनशील माने जा रहे हैं।
विभाग के एससी रामनरेश का कहना है कि दुश्वारियों को देखते हुए सुनील कुमार को बड़गांव क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं इन अभियंताओं की मानें तो भीषण गर्मी में ओवरलोड फीडरों पर दुश्वारियों के चलते दिन रात भागदौड़ से उनका भी बुरा हाल रहा है।
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