UPKeBol : रायबरेली। रविवार से गायब रायबरेली मॉडर्न रेल कोच फैक्ट्री के डाक्टर पत्नी और दो बच्चों सहित आवास में बुधवार सुबह मृत मिले। चिकित्सक का शव फांसी के फंदे से लटक रहा था। जबकि पत्नी और बच्चे बेड पर खून से लथफथ हालत में पड़े थे, पास में ही नशे का इंजेक्शन पड़ा मिला है, अनुमान है कि पत्नी और बच्चों की हत्या करने के बाद डॉक्टर ने फांसी लगायी, चिकित्सक डिप्रेशन का मरीज बताया जा रहा है। चिकित्सक के पूरे परिवार की मौत से हड़कंप मच गया है, एसपी समेत पुलिस अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया है।
आपको बताते चलें कि रायबरेली के लालगंज कोतवाली क्षेत्र में मॉडर्न रेल कोच फैक्ट्री स्थित है। मॉडर्न रेल कोच फैक्ट्री के हॉस्पिटल में एडिशनल डिवीजनल मेडिकल अफसर के पद पर मिर्जापुर निवासी अरुण सिंह की तैनाती थी। वह अस्पताल में ड्यूटी करने के साथ ही परिसर में स्थित मेडिकल कॉलोनी में परिवार के साथ रहते थे। मेडिकल अफसर अरुण सिंह के परिवार में पत्नी अर्चना, बेटा आरव और बेटी अदिवा थीं।
- फांसी के फंदे से लटक रहा था डॉक्टर का शव, पत्नी और बच्चे बेड पर पड़े थे खून से लथफथ, पास में पड़ा मिला नशे का इंजेक्शन, अनुमान है कि पत्नी और बच्चों की हत्या करने के बाद डॉक्टर ने लगाई फांसी, डिप्रेशन का मरीज बताया जा रहा है चिकित्सक
सूत्र बताते हैं कि एडिशनल डिवीजनल मेडिकल अफसर अरुण सिंह काफी दिनों से डिप्रेशन की बीमारी के शिकार थे, जिसके चलते वह आए दिन अजीब-अजीब हरकतें किया करते थे। परिवार किसी तरह चिकित्सक डॉक्टर अरुण सिंह को संभाल रहा था लेकिन रविवार से वह दिखाई नहीं पड़े। न तो अस्पताल गए और न ही घर से बाहर निकले। तीन दिन से घर का दरवाजा भी आसपास के लोगों ने अंदर से बंद देखा।
बिना अवकाश के चिकित्सक अरुण सिंह के गायब रहने के चलते आसपास के लोगों ने अस्पताल को सूचना दी, अस्पताल के कर्मचारी परिसर में स्थित चिकित्सक अरुण सिंह के आवास पहुंचे, लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था, बेल दबाने और खटकाने के बावजूद अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। आस पड़ोस के लोगों ने भी बताया कि तीन दिन से कोई एक्टिविटी घर से नहीं दिखी है न ही चिकित्सक या उनके परिवार का कोई भी सदस्य घर से बाहर दिखाई पड़ा है।
इस पर कर्मचारियों को शक हुआ तो परिसर में आरपीएफ (RPF) को सूचना दी गई। मौके पर पहुंचे आरपीएफ (RPF) जवानो ने भी काफी उपाय किया लेकिन दरवाजा अंदर से नहीं खुला तो पुलिस को मामले से अवगत कराया गया। पुलिस क्षेत्राधिकार महिपाल पाठक और लालगंज कोतवाली के इंस्पेक्टर पंकज त्यागी मौके पर पहुंचे, दरवाजा कड़ी मशक्कत के बाद तोड़ा गया। पुलिस, आरपीएफ जवान और अस्पताल कर्मचारी अंदर पहुंचे तो घर के अंदर का नजारा देखकर सन्न रह गए। कमरे के अंदर एडिशनल डिवीजनल मेडिकल अफसर डा. अरुण सिंह का शव फांसी के फंदे से लटक रहा था जबकि पत्नी और दोनों बच्चे बेड पर लहूलुहान हालत में पड़े थे।
एक साथ चार मौतों से हड़कंप मच गया, इस घटना को जिसने भी सुना वह मॉडर्न रेलकोच फैक्ट्री में डॉ अरुण सिंह के आवास की और दौड़ा। मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। सूचना पर पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी, एडिशनल एसपी, फोरेंसिक की टीम के साथ लालगंज कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुँच गयी।
मेडिकल अफसर ने ऐसे किया अपने परिवार का खात्मा
पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि जांच के दौरान प्रथम दृष्टया यह पता चला है कि एडिशनल डिवीजनल मेडिकल अफसर डा. अरुण सिंह डिप्रेशन की बीमारी के शिकार थे, इसी डिप्रेशन के चलते उन्होंने पहले पत्नी और बच्चों को सोते समय नशे का इंजेक्शन लगाया फिर किसी हथोड़ा नुमा चीज से पत्नी और बच्चों के सिर पर वार कर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद एडिशनल डिवीजनल मेडिकल अफसर डा. अरुण सिंह ने धारदार हथियार से खुद को भी जख्मी किया फिर फांसी लगाकर जान दे दी।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मौके पर नशे के इंजेक्शन पड़े मिले हैं। एसपी ने बताया कि आस पड़ोस के लोगों से पूछताछ में पता चला है कि रविवार से डॉक्टर और उनके परिवार की एक्टिविटी आसपास कहीं भी दिखाई नहीं पड़ी। एसपी ने कहा कि फोरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य एकत्रित किए हैं, चिकित्सा समेत चारों लाशों को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर अन्य बिंदुओं पर भी जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा।