UPKeBol : शाहजहांपुर। बंडा के बसंतापुर गांव निवासी सुखजीत सिंह लंदन में ट्रक ड्राइवर थे। एक सितंबर 2016 की रात तीसरी मंजिल पर सोते समय उनकी गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। उनकी पत्नी रमनदीप कौर ने अज्ञात हमलावरों पर घर में घुसकर हत्या का आरोप लगाया था, लेकिन पुलिस जांच में पत्नी रमनदीप कौर फस गई, उसके अवैध संबंध निकले। यह अवैध संबंध लंदन में रहने के दौरान मिट्ठू के साथ बने थे। जांच में सच्चाई सामने आने पर पत्नी रमनदीप व उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इसके बाद से मुकदमे की सुनवाई न्यायालय में चल रही थी। मुकदमे मेरा मंदिर के बेटे ने गवाही देकर अपनी मां और उसके प्रेमी की करतूत उजागर करते हुए पिता की हत्या का खुलासा किया था।
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शासकीय अधिवक्ता श्रीपाल शर्मा ने शनिवार को बताया कि थाना बंडा पुलिस ने रमनदीप और गुरप्रीत उर्फ़ मिट्ठू के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में पेश किए थे। इस मुकदमे में अदालत के सामने 16 गवाहों ने रमनदीप और गुरप्रीत उर्फ़ मिट्ठू के खिलाफ गवाही दी थी। बृहस्पतिवार को अदालत ने दोनों को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था।
पत्नी को पांच लाख का जुर्माना और प्रेमी को तीन लाख रुपये का अर्थदंड होगा भुगतना
09 साल का बेटा बना मुख्य गवाह, पिता की कातिल मां और उसके प्रेमी को सजा दिलाकर लिया बदला
लंदन के अवैध संबंधों में पत्नी रमनदीप कौर ने की थी हत्या
शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने अदालत में फैसला सुनाते हुए मृतक एनआरआई सुखजीत सिंह की पत्नी रमन दीप को फांसी की सजा सुनाने के साथ 05 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। वहीं, उसके प्रेमी गुरप्रीत उफर् मिट्ठू को उम्र कैद की सजा और 03 लाख रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
जानिए लविंग मर्डर का क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि सात वर्ष पूर्व अवैध संबंधों में हुई अप्रवासी भारतीय की हत्या के मुकदमे में अपर सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने गुरुवार को पत्नी व उसके प्रेमी को दोषी ठहराया था। निर्णय को सुरक्षित रख लिया गया था। दोनों को सात अक्टूबर यानी शनिवार को सजा सुनाई गई। बंडा के बसंतापुर गांव निवासी सुखजीत सिंह इंग्लैंड में रहते थे।
एक सितंबर 2016 की रात तीसरी मंजिल पर सोते समय उनकी गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। उनकी पत्नी रमनदीप कौर ने अज्ञात हमलावरों पर घर में घुसकर हत्या का आरोप लगाया था, लेकिन बयान व घटनास्थल की परिस्थितियां देख पुलिस का शक गहरा गया। कुत्तों के न भौंकने, परिवार के किसी भी सदस्य को आहट न होने, तीसरी मंजिल पर हमलावरो के सीधे पहुंच जाने सहित कई अन्य सवालों के जवाब नहीं मिले थे। सर्विलांस की मदद ली तो पूरा मामला परत दर परत खुलता चला गया।
सुखजीत के बड़े बेटे ने भी मां व उसके प्रेमी गुरप्रीत उर्फ मिट्ठू पर हत्या का आरोप लगाया था। इसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। 2017 में रमनदीप जमानत पर बाहर आ गई। गुरप्रीत को भी जमानत मिल गई थी। मुकदमे की सुनवाई न्यायालय में चल रही थी। अपर सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने गुरुवार को डीजीसी श्रीपाल वर्मा के तर्कों से सहमत होते हुए रमनदीप व गुरप्रीत को सुखजीत की हत्या का दोषी ठहराया था।
रात में बना था मटन और चिकन उसी में मिला दी थी नशीली दवा
शासकीय अधिवक्ता श्रीपाल वर्मा ने बताया कि रमनदीप कौर के गुरप्रीत उर्फ मिट्ठू से अवैध संबंध हो गए थे। इसलिए उसने पति को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। एक सितंबर की रात खाने में मटन और चिकन बना था, जिसमें नशीली दवा मिलाकर सुखजीत व परिवार के सभी सदस्यों को खिलाया गया था। घर में कुत्ते पले हुए थे। वह शोर न करें इसलिए उन्हें भी यह सब देकर बेहोश कर दिया गया था।
इसके बाद छत पर बच्चो के साथ अलग कमरे में सो रहे सुखजीत की तकिया रखकर हथौड़े से कई वार कर हत्या कर दी गई। परिवार को गुमराह करने के लिए रमनदीप ने शोर मचाया। कहा कि कोई बाहर से छत पर चढ़ आया और सुरजीत की हत्या कर भाग गया।
पति के गले पर चाकू चलाते नहीं काँपे पत्नी के हाथ, हथौड़े से प्रेमी ने किए वार
घटना का चश्मदीद सुखजीत का बड़ा बेटा था। उसने खाना नहीं खाया था। इसलिए बेहोश नहीं हुआ था। रमनदीप कौर ने चाकू से पति का गला रेत दिया था। जबकि गुरप्रीत ने पिता के सिर पर हथौड़े से वार किए। खाने में मिली नशीली दवा के प्रभाव से सुखजीत बेहोशी की हालत में प्रतिरोध नहीं कर सका और उनकी मृत्यु हो गई।
लंदन में ट्रक चलाते थे सुखजीत सिंह
परिवार के साथ लंदन में रहकर ट्रक चलाते थे। वहां उनकी रमनदीप कौर से शादी हुई थी। लंदन जाने से पूर्व पंजाब जाने के दौरान सुखजीत की दोस्ती वहां के कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी थाना के जैनुपर निवासी गुरप्रीत सिंह से हुई थी। गुरप्रीत काम के सिलसिले में दुबई चला गया, लेेकिन सुखजीत की दोस्ती कम न हुई। उन लोगों का बीच-बीच में मिलना रहता था। इसी दौरान गुरप्रीत व रमनदीप की नजदीकियां बढ़ने लगीं थीं। सुखजीत वर्ष में एक बार गांव में मां वंश कौर के पास जरूर आते थे। दोनों ने हत्या के लिए यही मौका चुना।
बुआ के पास लंदन में रहकर पढ़ रहे हैं दोनों बच्चे
सुखजीत की मां वंश कौर ने बताया कि तीन बहनों में अकेले भाई सुखजीत की बड़ी बहन लंदन में रहती हैं। उनके दोनों बेटे बुआ के पास ही रहते हैं। वहीं पढ़ाई कर रहे हैं। जबकि मां वंश कौर यहां रहती हैं। छोटी बेटी उनकी देखभाल करती है। हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है। दोनों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। तभी मेरे बेटे व परिवार को इंसाफ मिलेगा।
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