UPKeBol : अयोध्या। भगवान श्रीराम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की भव्य तैयारी हो रही है। आगामी 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा, ऐसे में रामनगरी की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी शासन प्रशासन एड़ी चोटी का जोर लगाकर सुरक्षा को अभेद्य बनाने में जुटा है। लेकिन वही दूसरी तरफ अयोध्या में राम की पैड़ी पर भिखारियों के भेष में सैकड़ो की संख्या में घाटों पर रोहिंग्या मुसलमान व अन्य लोग पहुंच गए हैं। अयोध्या के विभिन्न घाटों और मंदिरो के सामने कब्जा जमाने वाले 6 माह के बच्चे से लेकर 60 साल तक के युवा बुजुर्ग महिलायें सही मायने में कौन है इसको लेकर साधु संत सवाल उठाने लगे है।
यह भी पढ़ें : घरेलू कलह में पति ने पत्नी की गला रेत कर की हत्या फिर खुद भी फंदे पर झूला
भिखारियों के साथ सपेरे भी मुसलमान ही है जो अपना हिन्दू नाम बताकर धंधा कर रहे है। इनके पास न तो आधार कार्ड है न ही कोई पहचान। ध्यान देने योग्य बात तो यह है कि अयोध्या की सुरक्षा का ढोल पीटने वाली सुरक्षा एजेंसियों को भी इनके बारे में अभी तक कोई जानकारी नही है। न ही आज तक सुरक्षा एजेंसियां द्वारा इनका कोई सत्यापन किया गया है।
अयोध्या में अचानक बढ़े भिखारियों के मामले में जगद्गुरु परमहंस आचार्य और नरायनाचारी ने सरकार से मांग की है कि अयोध्या के विभिन्न घाटों और अन्य स्थलों पर सक्रिय मुस्लिम भिखारी गैंग की शीघ्र जांच करवा कर एक्शन लेते हुए इन्हें वापस इनके घरों को भेजा जाय।
वहीं सरयू घाट पर रहने वाले पंडा और साधु संतों ने भी अयोध्या आने वाले दर्शनार्थियों को ठगी से बचाने के लिए शीघ्र जांच की आवश्यकता जतायी है साथ ही कहा है कि अगर समय रहते इनकी जांच नही हुई तो आने वाले भविष्य में ये किसी बड़ी साजिश को अंजाम दे सकते है।
यह भी पढ़ें : घरेलू कलह में पति ने पत्नी की गला रेत कर की हत्या फिर खुद भी फंदे पर झूला