- कतर्नियाघाट में अब गांव से पकड़े गए तेंदुओं को जंगल में छोड़ने से पहले बांधा जाएगा रेडियो कॉलर, वन विभाग तेंदुओं पर रख सकेगा पल-पल की नजर… देखें Video
- रेडियो कॉलर आईडी से सैटलाइट सिगनल के द्वारा आबादी से पड़कर जंगल में छोड़े जाने वाले आदमखोर तेंदुओं के पुनः आबादी में पहुंचने की हो सकेगी निगरानी
उवेश रहमान
बहराइच। जनपद बहराइच के कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में वन विभाग व डब्ल्यूडब्ल्यूएफ वन्य जीवों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं उसी के तहत अब गांव में पकड़े जाने वाले तेंदुए पर निगरानी के लिए एक रेडियो कॉलर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के द्वारा कतर्नियाघाट प्रभाग को दिया गया। इस रेडियो कॉलर के द्वारा जंगल में छोड़े जाने वाले गांव से पकड़े गए तेंदुआ पर नजर रखी जा सकेगी।
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प्रभागीय वनाधिकारी बी शिव शंकर ने बताया कि कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में अक्सर तेंदुए की ग्रामीण क्षेत्रों में आमद होती है और प्रायः तेंदुए ग्रामीण क्षेत्रों में पकड़े जाते हैं। स्वास्थ परीक्षण में स्वस्थ पाए जाने के उपरांत उनको वापस प्रकृति वास में छोड़ा जाता है जहां उनके पुनः ग्रामीण क्षेत्रों में आने की सम्भावना को दृष्टिगत रखने के लिए यदि रेडियो कॉलर लगा दिया जाए तो वन विभाग को यह पता चल सकेगा कि तेंदुआ फिर से आबादी में पहुच गया है जिससे उसकी निगरानी किया जा सके और उसके प्राप्त आंकड़ों के आधार पर मूवमेंट का अध्ययन किया जा सके।
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डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया की ओर से एक अदद सेटेलाइट रेडियो कॉलर उच्चाधिकारियों के निर्देश पर प्राप्त किया है, भविष्य में यदि गांव में कोई तेंदुआ पकड़ा जाएगा तो उसे जंगल में छोड़ने के पूर्व गले में रेडियो कॉलर आईडी बांध दी जाएगी। इसके लिए वन विभाग ने डब्ल्यू डब्ल्यू एफ इंडिया को धन्यवाद दिया है।