- दो हजार से अधिक सड़कें नौ महीने से कर रही संवरने का इंतजार, पीडब्ल्यूडी ने भेजा 800 करोड़ का प्रस्ताव
- 50% धनराशि मिली, ग्रामीण और अतिरिक्त जिला मार्ग सड़कों की दुर्दशा
गोण्डा। यूपी के गोण्डा जिले की सड़कों की दुर्दशा से स्थानीय लोग परेशान हैं। करीब दो हजार से अधिक सड़कें बीते नौ महीने से मरम्मत और सुधार की प्रतीक्षा कर रही हैं। पीडब्ल्यूडी ने इन सड़कों की स्थिति सुधारने के लिए 800 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है, लेकिन अब तक सिर्फ 50% धनराशि ही मिली है। जर्जर सड़कों पर चलना न सिर्फ कठिन हो गया है, बल्कि यह दुर्घटनाओं का कारण भी बन रहा है। वित्तीय वर्ष समाप्त होने में कुछ ही महीने बचे हैं, जिससे मरम्मत कार्य समय पर पूरा होना एक बड़ी चुनौती बन गया है।
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जिले में लगभग दो हजार से अधिक सड़कें बीते नौ महीने से मरम्मत और सुधार की प्रतीक्षा कर रही हैं। इनमें से अधिकांश सड़कें ग्रामीण और अतिरिक्त जिला मार्ग की हैं। पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) ने इन सड़कों के सर्वेक्षण, कार्य योजना और प्रस्ताव तैयार करने में लाखों रुपये खर्च कर दिए हैं। लेकिन अब तक सिर्फ कागजों पर काम हुआ है, जबकि ज़मीन पर सड़कों की स्थिति जस की तस बनी हुई है।
प्रमुख बिंदु:
1. सड़कों की दुर्दशा:
जर्जर और गड्ढों से भरी सड़कों के कारण लोगों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है। दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है।
2. बजट की कमी:
– पीडब्ल्यूडी ने गोण्डा जिले के तीनों डिवीजन से करीब 800 करोड़ रुपये के प्रस्ताव सरकार को भेजे हैं।
– इनमें से सिर्फ 50% धनराशि ही गड्ढामुक्त और पैचवर्क के लिए मिली है।
3. वित्तीय वर्ष की चुनौती:
– वित्तीय वर्ष समाप्त होने में मात्र तीन महीने बचे हैं।
– अभियंताओं का कहना है कि सामान्य प्रक्रिया में सड़कों के निर्माण में 15-20 दिन लगते हैं।
– इतनी बड़ी संख्या में सड़कों की मरम्मत समय पर पूरी होना मुश्किल है।
4. प्राथमिकता पर काम:
कुछ आवश्यक सड़कों के निर्माण के लिए अभियंताओं ने बिना बजट की प्रतीक्षा किए प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालांकि, समय पर धनराशि नहीं मिलने पर ये सड़कें भी अधूरी रह सकती हैं।
स्थिति पर अधिकारियों का बयान:
पीडब्ल्यूडी के गोण्डा वृत्त के अधीक्षण अभियंता लाल जी ने बताया कि सरकार से बजट मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि धनराशि जारी होते ही निर्माण कार्य तेजी से शुरू किया जाएगा।
सड़कों की बदहाली के कारण:
– लगातार मॉनसून के कारण सड़कों की हालत खराब हुई।
– समय पर मरम्मत कार्य न होने से समस्या बढ़ी।
– ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिकता की कमी।
समाधान की उम्मीद:
– बजट मिलने पर काम जल्द शुरू होगा।
– अभियंता प्राथमिकता के आधार पर काम की योजना बना रहे हैं।
सड़कों की मरम्मत में हो रही देरी ने लोगों की समस्याओं को बढ़ा दिया है। विभाग और सरकार को जल्द से जल्द इस पर ध्यान देकर धनराशि जारी करनी चाहिए ताकि आवागमन सुगम हो सके और दुर्घटनाओं से बचा जा सके।