लखनऊ। मौसम के मिजाज में ठंड का अहसास होते ही निमोनिया (न्यूमोनिया) एवं अन्य सर्दी जनित बीमारियां भी पांव पसारने लगती हैं। यह एक गंभीर बीमारी है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। हालांकि यह निमोनिया सबसे ज्यादा पांच साल तक के बच्चों में पाई जाती है। पांच साल तक के बच्चों की मृत्यु का प्रमुख कारण यह निमोनिया ही है।
अवध क्षेत्र के वरिष्ठ चिकित्सक और बहराइच जिले में स्टेशन रोड पर “बुद्धा हॉस्पिटल” के संचालक ‘डॉ. राकेश चौधरी’ बताते हैं कि निमोनिया फेफड़ों में होने वाला संक्रमण है जो बैक्टीरिया, वायरस एवं फंगस आदि के कारण होता है। इससे फेफड़ों की वायु कोष्ठिका में सूजन हो जाती है या उसमें तरल पदार्थ भर जाता है। कई बार निमोनिया गंभीर रूप धारण कर लेता है। निमोनिया के लक्षण सर्दी जुकाम के लक्षणों से बहुत हद तक मिलते हैं। इसलिए जब भी ऐसा लगे तो पहले इसके लक्षणों को पहचान लेना बहुत जरूरी है।
अवध क्षेत्र के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राकेश चौधरी बताते हैं कि यदि नवजात शिशु देखने में बीमार लगे, वह दूध न पिये, सांस लेने में दिक्कत हो, सुस्त हो, रोये या बुखार हो तो उसे निमोनिया हो सकता है। इसके लिए तुरंत डॉक्टर से इलाज करवाना अत्यंत आवश्यक है। बहराइच में बुद्धा हॉस्पिटल के संचालक डॉ. राकेश चौधरी का कहना है कि निमोनिया से बचाव के लिए छोटे बच्चों को संक्रमित व्यक्ति से दूर रखना चाहिए। मां का पहला गाढ़ा दूध जिसे कोलेस्ट्रम कहते है उसे बच्चे को अवश्य पिलाना चाहिए, कोलेस्ट्रम में हाई एंटीबैक्टीरियल तत्व होते हैं, सामान्य बीमारियों से सुरक्षा के लिए बच्चे को छह माह तक माताओं को सिर्फ स्तनपान ही कराना चाहिए।
अवध क्षेत्र के वरिष्ठ चिकित्सक और बहराइच बुद्धा हॉस्पिटल के संचालक डॉ. राकेश चौधरी बताते हैं कि जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता व छींकता है तो इसका वायरस व बैक्टीरिया सांस द्वारा फेफड़ों तक पहुंच कर व्यक्ति को संक्रमित कर देता है। निमोनिया का अटैक बच्चों पर ज्यादा होता है। खासतौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों में निमोनिया होने पर उन्हें सांस लेने में और दूध पीने में दिक्कत होती है।
यह हैं निमोनिया के प्रमुख लक्षण
- पीड़ित बच्चे का तेज सांस लेना
- कफ की आवाज आना
- सामान्य से अधिक तेज़ सांस या सांस लेने में परेशानी
- सांस लेते या खांसते समय छाती में दर्द
- बच्चे के खांसते समय हरे, पीले या जंग के कलर का बलगम निकलना, बुखार, कंपकंपी या ठंड लगना
- पसीना आना, होंठ या नाखून नीले होना
- पेट या सीने के निचले हिस्से में दर्द होना, उल्टी होना
- कंपकंपी, शरीर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द भी निमोनिया के लक्षण हैं।