Know how to get the blessings of Goddess Lakshmi : UPKeBol : पंच पर्व दीपावली पांच प्रमुख पर्वो का त्यौहार है। दीपावली प्रकाश का पर्व है। प्रकाश का दूसरा नाम सुख और समृद्धि है। जहां सुख समृद्धि होती है वहीं माँ महालक्ष्मी का वास होता है। या यूँ कहे कि जहां पर महालक्ष्मी विराजती हैं वहीं पर सुख समृद्धि और वैभव खिंचे चले आते हैं। अगर आप भी सुख समृद्धि और वैभव सालों साल पाना चाहते हैं तो आज दीपावली की रात मौका मत गंवाइये। महज एक लाइन के एक मंत्र का 11 बार जाप करके आप महालक्ष्मी को खुश कर सकते हैं। इस मंत्र में इतनी ताकत है कि माँ महालक्ष्मी आपके घर में विराजेंगी। दुःख-दरिद्रता किनारे नहीं फटेगी, पैसे की कभी कमी नहीं होगी।
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मां महालक्ष्मी के आह्वान के इस उपाय को करने के लिए आपको न तो किसी विशेष पूजा सामग्री की जरूरत है, न ही किसी अन्य तैयारियों की। सिर्फ शुभ समय का चुनाव करना होगा। यह समय निशीथ काल का होना चाहिए। अगर आप नहीं जानते हैं निशीथ काल का समय कौन सा होता है तो हम बताएंगे। सिर्फ आप 11 बार मंत्र का जाप करके माँ महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
दीपावली के मौके पर जिस तरह से आप अपने घर में मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते हैं उसी तरह से तैयारी कीजिए, सामान्य पूजा अर्चना के बाद निशीथ काल का समय शुरू होते ही उसी पूजा स्थल पर लाल कपड़े का आसान बिछा लीजिए। इसके पूर्व तन-मन से शुद्ध हो लीजिए। मां महालक्ष्मी की किसी भी चित्र को ध्यान में रखकर माता लक्ष्मी के आवाहन के मंत्र का जाप शुरू कीजिए। जाप करने के बाद दीपबाती, अगरबत्ती या धूपबत्ती जो भी आसानी से उपलब्ध हो उससे मां महालक्ष्मी की आरती कीजिये।
इस मंत्र के जब से आपको 15 दिन में ही अपने घर के माहौल में बदलाव देखने को मिलेंगे। रुका हुआ धन आने लगेगा। किसी ने उधार लिया होगा वह पैसा लौट आएगा। अगर आप उधारी के कर्ज में फंसे हैं तो उस कर्ज को निपटाने के रास्ते बनते दिखेंगे। घर में सुख समृद्धि दस्तक देने लगेगी।
जानिए मां महालक्ष्मी की पूजा का सही समय
इस मंत्र का जाप कर करना होगा मां महालक्ष्मी का आह्वान
दीपावली की मध्य रात्रि को निशीथ काल का समय रहेगा। इस निशीथ काल में “ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मी मम गृहे आगच्छ आगच्छ ह्रीं नमः”. मंत्र का कम से कम 11 बार जाप करें। इस मंत्र की विशेष सिद्धि पाने और मां महालक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए 108, 111 या 121 माला को 5 बार, 7 बार या 11 बार जाप करें। जाप के लिए रुद्राक्ष या तुलसी की माला का प्रयोग कर सकते हैं।
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