- युवक ने परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर खुद भी की आत्महत्या
- पत्नी व तीनों बच्चे शुक्रवार को सुबह 11बजे लखनऊ आवास से पल्हापुर आए थे गांव, शनिवार भोर में हुई घटना
सीतापुर। रामपुरमथुरा के पल्हापुर गांव में एक नशेड़ी युवक द्वारा पत्नी माँ समेत तीन बच्चों की निर्मम हत्या कर खुद आत्महत्या कर लेने का मामला प्रकाश में आया है। घटना में गम्भीर घायल एक बच्चे ने ट्रामा सेंटर जाते समय रास्ते मे दम तोड़ दिया। सूचना मिलते ही पूरे गांव सहित आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया। ग्रामीण घटना को संदिग्ध मान रहे हैं। पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक, सीओ, स्थानीय पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच परिजनों व ग्रामीणों से वार्ता करते हुए घटनास्थल का मुआयना किया। पुलिस ने मौके से घटना में प्रयुक्त हथौड़ा व अवैध असलहा बरामद करने का दावा किया है।
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रामपुर मथुरा थाना क्षेत्र के पाल्हापुर गांव में प्रगतिशील किसान वीरेंद्र सिंह के दो पुत्र क्रमशः अनुराग सिंह व अजीत सिंह हैं। वीरेंद्र सिंह की मौत 27 मार्च 2023 को हो गई थी। इसके बाद से दोनों भाईयों में बंटवारा हो गया और अलग रहने लगे। अजीत सिंह पेशे से सरकारी शिक्षक है। जो रामपुरमथुरा ब्लाक के बरीजगतपुर प्राथमिक विद्यालय में तैनात हैं तथा महमूदाबाद कस्बे के शहजानी वार्ड में मकान बना कर परिवार समेत रह रहे हैं। अनुराग सिंह अपनी माँ सावित्री देवी के साथ पाल्हापुर स्थित घर मे रहते थे तथा इनकी पत्नी प्रियंका सिंह (40), बेटी आश्वि (12), बेटी आरना (8), बेटा आदविक (4) लखनऊ के गुडम्बा स्थित सरगम अपार्टमेन्ट में रहते थे। तीनो बच्चे लखनऊ के सीएमएस कालेज में पढ़ाई करते थे तथा प्रियंका सिंह एक फाइनेंस कंपनी में कैशियर के पद पर कार्यरत थी।
शुक्रवार की सुबह करीब 11 बजे प्रियंका सिंह अपने तीनों बच्चों के साथ पाल्हापुर पहुंची थी। बताया जाता है कि शाम को प्रियंका सिंह और अनुराग सिंह में शराब पीने को लेकर कहासुनी हुई थी। सुबह करीब चार बजे चीखपुकार सुनकर आस पड़ोस के लोग दौड़ पड़े तो देखा कि घर से बाहर बेटी आश्वि, आरना और बेटा आदविक मरणासन्न अवस्था मे पड़े थे। बेटे आदविक की सांसे चल रही थी।
घर के अंदर प्रवेश करते ही बांये हाथ की ओर बने कमरे में सावित्री देवी (62) का खून से लथपथ शव बिस्तर पर पड़ा था, जिनके माथे पर गोली लगने का निशान था। अंदर घुसने पर पीछे कमरे में अनुराग सिंह का खून से लथपथ शव जमीन में पड़ा था। अनुराग सिंह के माथे पर भी गोली लगने का निशान था।
छत पर मौजूद चारपाई पर प्रियंका सिंह का शव पड़ा था। प्रियंका सिंह के हाथों में खून से लथपथ हथौड़ा फंसा था। प्रियंका सिंह का सर बुरी तरह से क्षत विक्षत था। बेटे आदविक की सांस चलती देख गांव के ही प्रभाकर प्रताप सिंह उसे इलाज के लिए सीएचसी महमूदाबाद लाये जहां डॉक्टरों ने आदविक को ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। लखनऊ ट्रामा सेंटर में आदविक को भी डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
सूचना पर 112 पुलिस टीम मौके पर पहुंची और उसने घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी। जिसके बाद प्रभारी निरीक्षक महेशचंद्र पांडे, थानगांव थानाध्यक्ष हनुमंत लाल तिवारी, सदरपुर थानाध्यक्ष राकेश सिंह मय फोर्स के घटना स्थल पर पहुंचे और जांच पड़ताल शुरू की। फॉरेंसिंक टीम ने घटना स्थल पर पहुंचकर साक्ष्यों का संकलन किया।
सीओ दिनेश शुक्ल, अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. प्रवीण रंजन सिंह, पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र मौके पर पहुंचे। पुलिस अधीक्षक ने मृतक के छोटे भाई अजीत सिंह समेत अन्य परिजनों से लंबी पूछताछ करते हुए अधीनस्थों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
एसपी ने बताया कि मौके से घटना में प्रयुक्त हथौड़ा और असलहा बरामद कर लिया गया है। सीओ दिनेश शुक्ल ने बताया कि मृतक के भाई अजीत सिंह के तहरीर पर माँ, पत्नी और बच्चों को मारकर खुद आत्महत्या करने की बात सामने आई है। मामले में हत्या का केस दर्ज किया गया है। टीमें गठित कर सभी पहलुओं पर सघन जांच की जा रही है। स्वाट व सर्विलांस टीम की मदद भी ली जा रही है।