UPKeBol : अयोध्या। रामनगरी अयोध्या के हनुमानगढ़ी में गुरुवार को हुई पुजारी की निर्मम हत्या ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े सवाल खड़े कर दिए है। वहीं राम नगरी में बढ़ रहे लगातर अपराध रामनगरी की साख पर बट्टा लगाने का काम कर रहे है। घटना में मृतक हनुमानगढ़ी बसंतिया पट्टी के जमात डुंडा चारण मंदिर के महंत बाबा दुर्बल दास के शिष्य राम सहारे दास थे। उनकी हत्या उनके ही प्रिय शिष्य शाहजहांपुर के निवासी ऋषभ शुक्ला ने कर दिया। हत्या का कारण जमीन और पैसे का लालच बताया जा रहा है।
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अयोध्या में गुरुवार को हुई साधु की हत्या के मामले में “अयोध्या के हनुमानगढ़ी में सीसीटीवी ऑफ कर साधु की निर्मम हत्या” शीर्षक से खबर का प्रकाशन “UPKeBol“ ने प्रमुखता से किया था। इसके बाद हत्या के मामले में पुलिस की जांच शुरू होने के बाद अब चौंकाने वाले खुलासे हुए है।
हनुमानगढ़ी के साधुओं ने बताया कि मृतक साधु बाबा राम सहारे दास के पास शाहजहांपुर से आया ऋषभ शुक्ला कुछ माह में ही काफी प्रिय शिष्य बन गया था। जिसके चलते एक माह पहले ही अपने कुछ पुराने शिष्यों को निकाल कर आठ माह पहले आए शाहजहांपुर के ऋषभ शुक्ला को अपनी सेवा करने के लिए साधु बाबा राम सहारे दास ने रखा था।
शाहजहांपुर निवासी ऋषभ शुक्ला की अपने गुरु साधु राम सहारे दास की संपत्ति पर नजर थी, वह उसे हथियाना चाहता था। साथ ही मृतक राम सहारे दास के अलमारी में रखे रुपयों को भी वह हासिल करना चाहता था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में उसने बताया कि उसने कई बार रुपयों को लेने का प्रयास किया। लेकिन वह योजना में सफल नहीं हो पा रहा था। जिसके चलते उसने गुरु हत्या की घटना को अंजाम दिया। और दस लाख रुपए लेकर फरार हो गया।
पुलिस को मृतक पुजारी के कमरे में रखी अलमारी बंद मिली थी। उसकी चाबी भी उनकी तकिया के नीचे पुलिस को मिली। जबकि वे जमीन पर खून से लथपथ पड़े हुए थे। बिस्तर के नीचे से कुछ रुपये जरूर मिले हैं।
हालांकि पुलिस अभी भी कई बिंदुओं पर जांच कर ही है। इसमें अंबेडकर नगर में 10 बीघा जमीन भी शामिल है। उस जमीन की कड़ी भी पुलिस जोड़ रही है। सबसे खास बात यह है कि पुजारी राम सहारे दास की हनुमान गढ़ी में पूजा करने की अवधि समाप्त ही हुई थी।
हनुमानगढ़ी में साधु की हत्या ने खड़े किए बड़े सवाल
हनुमानगढ़ी में नागा साधु की निर्मम हत्या के बाद कई सवाल खड़े हो रहे है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि घटना के वक्त कमरे में ही लेटे अंकित दास को हत्या की भनक तक नहीं लगी। उसने पुलिस को बताया कि जब वह उठा तो आगे से महाराज जी के कमरे में सिटकनी लगी थी। शक होने पर खोला तो वे खून से लथपथ जमीन में पड़े थे।
हनुमानगढ़ी मंदिर की सुरक्षा में 24 घंटे एक दर्जन पीएससी के जवानों की मौजूदगी रहती है। मंदिर की तीन सीढ़ी चढ़ते मृतक साधु का आश्रम है। फिर भी हत्यारा बेखौफ होकर सीसीटीवी कैमरे को बंद कर हत्या कर फरार हो गया।
इसके अलावा भी कई सवाल उठ रहे है। इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद भी आस-पास के आश्रमों में रह रहे लोगों को भनक तक नहीं लगी।
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