- कतर्नियाघाट में एडवेंचर के शौकीन पर्यटकों को इस बार साल के घने जंगलो में मिलेगा जंगल सफारी करने का मौका
- पक्षियों की फोटोग्राफी के शौकीन लोगो के लिए स्वर्ग माने जाने वाले निशानगाड़ा के जंगलो में देखने को मिलेगी खूबसूरत पक्षियों की अनेकों वेराईटियाँ
- पर्यटकों हेतु ईको टूरिज़म रोड पर वाहन संचालन के लिए प्रधान मुख्य वन्यजीव संरक्षक ने डीएफओ के साथ दौरा कर दी अनुमति
कतर्नियाघाट स्पेशल रिपोर्ट : उवेश रहमान
Katarniaghat special report : बहराइच। यूपी के बहराइच जिले में स्थित कतर्नियाघाट सेंक्चुरी में एडवेंचर के शौकीन पर्यटकों को इस बार साल के घने जंगलो में जंगल सफारी करने का मौका मिलेगा। पर्यटकों हेतु ईको टूरिज़म रोड पर वाहन संचालन के लिए प्रधान मुख्य वन्यजीव संरक्षक ने डीएफओ के साथ दौरा कर अपनी अनुमति देते हुए व्यवस्था को हरी झंडी दिखा दी है। इसके साथ ही कतर्नियाघाट घाट सेंक्चुरी में पक्षियों की फोटोग्राफी के शौकीन लोगो के लिए स्वर्ग माने जाने वाले निशानगाड़ा के जंगलो में खूबसूरत पक्षियों की अनेकों प्रजातियां देखने को मिलेगी।
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आपको बताते चलें कि ऐडवेंचर के शौकीन पर्यटकों को पहली बार साल के हरे भरे एवं घने जंगलों में जंगल सफारी करने का अवसर बहराइच जिले के कटानिया घाट सेंक्चुरी में प्राप्त होगा। कतर्नियाघाट वन्य जीव अभ्यारण्य का जंगल 551 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ। इन जंगलो में बाघ,तेंदुआ,हिरन, चीतल पाढ़ा, बारहसिंगा एवं पक्षियों के अलावा जंगल के बीच से बहने वाली नेपाली नदी गेरूआ और कौड़ियाला में जलीय जीव घड़ियाल, मगरमच्छ, डॉल्फिन पायी जाती है जो कतर्नियाघाट घूमने आने वाले पर्यटको का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते है।
गौरतलब हो कि देश विदेश से कतर्नियाघाट घूमने आने वाले पर्यटक यहां पहुंचकर जंगल सफारी के जरिए बंधा रोड, गिरिजापुरी फार्म के जंगलों का आनंद लेते थे इस दौरान लगभग डेढ़ घंटे का समय लगता था पर्यटको की अधिकता होने से लोगो को बगैर सैर सपाटे के वापस लौटना पड़ता था।
मगर अब कतर्नियाघाट घूमने आने वाले पर्यटको के लिए अच्छी खबर यह है कि पहली बार इस सत्र में एडवेंचर के शौकीन पर्यटको को साल के घने जंगलों में जंगल सफारी करने का मौका मिलेगा इसके अलावा पक्षियों की फोटोग्राफी के शौकीन लोगो के लिए स्वर्ग माने जाने वाले निशानगाड़ा के जंगलों मे ख़ूबसूरत पक्षियों की अनेकों प्रजातियां देखने को मिलेंगी। बाघ, तेंदुआ और जंगली हाथियों का समूह यहां पर पर्याप्त संख्या में है। इन जंगलो में कई प्रकार के ग्रास लैंड है जिसमे बारहसिंघा खास तौर पर पाए जाते है।
पर्यटकों हेतु ईको टूरिज्म रोड पर संचालन के लिए कुछ माह पूर्व फील्ड डायरेक्टर दुधवा ललित वर्मा ने प्रधान मुख्य वन्य जीव संरक्षक को पत्र लिखा था जिसके बाद प्रधान मुख्य वन्य जीव संरक्षक ने कतर्नियाघाट का दौरा कर निशानगाड़ा के रूट नंबर चार पर मौके का मुआयना किया था उसके बाद उन्होंने पत्र जारी कर रूट संचालन के लिए अनुमति दे दी है। इसके लिए जंगल के कच्चे मार्गो पर मिट्टी डालकर उसे दुरुस्त किया जा रहा है साथ ही अन्य तैयारियां भी हर स्तर पर तेजी से चल रही है।
इन नजदीकी रिज़ॉर्टस एवं होम स्टे में भी रात्रि प्रवास कर सकेंगे पर्यटक
- लेपर्ड डेन होम
- रेशम सिंह रिज़ॉर्ट
- अर्थहोम
- कतर्निया हैवेन रिज़ार्ट
जानिए क्या कहते हैं जिम्मेदार ?
कतर्नियाघाट आने वाले पर्यटकों के भ्रमण की तैयारी के परिप्रेक्ष्य में दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर ललित वर्मा से बात करने पर उन्होंने बताया कि उच्च अधिकारियों द्वारा एडवेंचर के शौकीन पर्यटकों को साल के घने जंगलो में जंगल सफारी करवाने की अनुमति मिल गयी है।