UPKeBol : वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक दिवसीय दौरे पर सोमवार को वाराणसी पहुंचे। उन्होंने सर्किट हाउस सभागार में नवनिर्वाचित पार्षदों के साथ बैठक के दौरान उन्हें जनता की समस्याओं का प्राथमिकता पर समाधान सुनिश्चित कराने के लिए विशेष निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में 837 करोड़ का बजट है। उन्होंने कहा कि वाराणसी नगर निगम में जनता ने पहली बार इतना बड़ा बहुमत दिया है। बनारस के इतिहास में विगत नौ वर्षों में विकास की एक नई गाथा लिखी गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विश्व के सबसे पुराने नगरी काशी का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने पार्षदों को संबोधित करते हुए कहा कि महानगर के विकास के लिए आप लोग नीव के पत्थर है।
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उन्होंने निजी क्षेत्रों की भागीदारी पर भी विशेष जोर दिया। उन्होंने अन्य सेक्टरों को भी चिन्हित किए जाने का निर्देश देते हुए कहा कि इसे भी पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने नगर निगम को आत्मनिर्भर बनाए जाने पर विशेष जोर देते हुए कहा कि नगर निगम के चालू वित्तीय वर्ष में 837 करोड़ के बजट को बढ़ाकर 2500 करोड़ किया गया। इसके लिए संभावनाओं को तलाश कर उसे इम्प्लीमेंट किये जाने पर जोर दिया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 2016-17 में एक्ससाइज से 12 हजार करोड़ की एक्साइज ड्यूटी मिलती थी। जो वर्तमान में बढ़कर 52 हजार करोड़ हो चुकी है। उन्होंने बताया कि 2016-17 में उत्तर प्रदेश सरकार की बजट तीन लाख करोड़ की रही। जो वर्तमान में बढ़कर सात लाख करोड़ की हो गई है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश रेवेन्यू सर प्लस वाला प्रदेश हो गया है यहां पैसे की कोई कमी नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार ने 5.50 करोड़ लोगों को गरीबी से मुक्त कर मुख्यधारा में शामिल किया है। उन्होंने विगत जी20 कार्यक्रम के दौरान किए गए तैयारियों की तारीफ करते हुए जनप्रतिनिधियों को इसे जन सहभागिता एवं जन आंदोलन की तर्ज पर इसे आगे बढ़ाने को कहा। जिससे शहर की स्वच्छता कायम रहे। उन्होंने कहा कि काशी की स्वच्छता प्राथमिकता में है। उन्होंने कूड़ा प्रबंधन को प्राथमिकता पर सुनिश्चित कराने के लिए निर्देशित किया। मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि पार्षद नागरिकों के साथ बैठे, उनकी समस्याओं को सुने और स्वच्छता रैली भी निकाले।
नगर को पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त किये जाने पर विशेष जोर देते हुए कहा कि प्लास्टिक एवं उसके उत्पादों को पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाए। इसमें जन जागरूकता के साथ ही आवश्यकतानुसार प्रवर्तन की कार्यवाही सुनिश्चित कराए जाने का विशेष निर्देश दिए। नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि शहरों में सड़कों एवं गलियों की नियमित सफाई के दौरान मौके से कूड़े का उठान तत्काल सुनिश्चित किया जाय। खाली पड़े प्लाटों में कूड़े की डंपिंग न होने पाए। साथ ही खाली पड़े प्लाटों की सफाई भी सुनिश्चित कराई जाए।
मुख्यमंत्री ने वृक्षारोपण को बढ़ावा देने पर विशेष जोर देते हुए कहा कि शहर के पार्कों में वृहद वृक्षारोपण कराया जाए। उन्होंने शहर की सड़कों के दोनो तरफ खाली पड़े स्थानों पर भी वृक्षारोपण जन सहभागिता से सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। काशी में प्रवेश करने वाले मुख्य मार्गों पर सजावटी फूलों वाले पौधों का रोपण कराने का निर्देश दिया। शहर में सिटी फॉरेस्ट विकसित करने विशेष जोर दिया। मुख्यमंत्री ने शहर की सुंदरता के लिए अनाधिकृत होर्डिंग हटवाने का निर्देश देते हुए डिजिटल डिसप्ले बोर्ड को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया। जिससे नगर निगम की आय में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने सेफ सिटी की दिशा में पुलिस, विकास प्राधिकरण, बैंकर्स, निजी संस्थाएं तथा उद्यमियों के साथ बैठक कर वृहत पैमाने पर सीसीटीवी लगवाने को कहा। इससे शहर सुरक्षित रहेगा और अपराध पर अंकुश लगेगा। उन्होंने शहर की यातायात व्यवस्था को और सुद्रण किए जाने पर जोर देते हुए कहा कि आम जनमानस को बेहतर सुविधा मिल सके। आगामी 100 वर्षों की आवश्यकता के दृष्टिगत रखते हुए नगर निगम सदन के भवन को मल्टीपरपज बनाने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप जोर देते हुए कहा कि शहर के विकास के लिए नवीन तकनीकी का इस्तेमाल किया जाए। हेरिटेज पोलो में विधुत प्रवाह कतई न हो पाए इसके लिए प्रभावी कार्रवाई शीघ्र सुनिश्चित कराई जाए। विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था दुरुस्त कराने का भी निर्देश दिया। प्रदेश में विद्युत की कोई कमी नहीं है। वाराणसी में निर्बाध विद्युत आपूर्ति प्रत्येक दशा में सुनिश्चित हो। इसमें लापरवाह अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए उन्होंने उच्चाधिकारियों को निर्देशित किया। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र को ऑनलाइन करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी के विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं है। केवल पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने श्रावण मास के पश्चात स्वच्छता जागरूकता के लिये महानगर स्तर पर बड़ी रैली कराने का निर्देश दिया। नगर में आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए पुलिस व नगर निगम को अच्छी यातायात व्यवस्था के साथ ही टूरिस्ट पुलिस की काउंसलिंग पर विशेष दिया। लोगों से पर्यटकों से अच्छा व्यवहार करने की अपेक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि इससे यहां आने वाले पर्यटक अच्छे संदेश के साथ अपने स्थानों को जाय। प्रधानमंत्री के अपेक्षा के अनुसार काशी की सुन्दरता को स्थाई बनाने तथा स्वच्छता रैंकिंग में काशी अग्रणी बनाने की सभी से अपेक्षा की।
नगर आयुक्त शिपू गिरी ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से मुख्यमंत्री के समक्ष नगर निगम की वर्तमान स्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि पूर्व में वाराणसी में 90 वार्ड थे। जो कि वर्तमान में बढ़कर 100 हो चुके हैं। पूर्व में नगर निगम का दायरा 82 वर्ग किलोमीटर का था जो कि वर्तमान में बढ़कर 186 वर्ग किलोमीटर हो चुका है। जोन को पांच से बढ़ाकर आठ किया गया है तथा नगर निगम का वर्तमान बजट कुल 837 करोड़ है तथा व्यय 820 करोड़ का है तथा पूंजीगत व्यय लगभग 400 करोड़ का है। उन्होंने बताया कि नगर निगम के राजस्व में लगातार वृद्धि के प्रयास किये जा रहे। जिसमें जीआईएस सर्वे, विज्ञापन तथा म्युनिसिपल बांड बड़ी भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा की गृहकर वसूली को पिछले वर्ष के 60 करोड़ के सापेक्ष 100 करोड़ किया गया है। जिसमें पीओएस मशीन तथा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की सहायता ली जा रही है। उन्होंने गंगा के 88 घाटों पर नगर निगम द्वारा की जा रही सफाई का भी जिक्र किया। नगर आयुक्त ने मुख्यमंत्री के समक्ष कार्मिकों की कम उपलब्धता का जिक्र किया गया। जिसपर मुख्यमंत्री ने कमिश्नर को नगर विकास से वार्ता करके पर्याप्त कार्मिक सुनिश्चित कराने को कहा। नगर आयुक्त ने बताया कि नगर निगम वर्तमान में 100 करोड़ के म्युनिसिपल बांड जारी करने जा रहा जिसको की जलकल परिसर में बजट होटल, सिगरा स्टेडियम तथा आदमपुर जोनल परिसर में अंडरग्राउंड काम्प्लेक्स के माध्यम से सुनिश्चित किया जायेगा। नगर आयुक्त ने मुख्यमंत्री के समक्ष गंगा नदी में 1500 डीज़ल नावों में 750 को सीएनजी में बदलने, नगर निगम के 175 पार्कों में ओपन जिम खोलने व अभिलेखागार के आधुनिकीकरण की बात भी रखी।
मुख्यमंत्री ने मंदिर में दर्शन पूजन कर पीठाधीश्वर का पूछा कुशलक्षेम
तत्पश्चात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री कांची कामकोटि पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकर विजयेन्द्र सरस्वती महाराज से मठ में मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम पूछा।
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