- जँगली हाथियों से निपटने को नए गजमित्रों की टीम ने सँभाली कमान साथ ही पुराने गजमित्रों को पुनः किया गया एक्टिव
- न्यूज़ संस्था ने जँगली हाथियों से प्रभावित दस गाँवों में नए गजमित्रोँ की टीम गठन के बाद गजमित्रों को बांटे सुरक्षा किट
- पांच दिवसीय चले प्रशिक्षण कैम्प के दौरान नए गजमित्रों को किया गया प्रशिक्षित
The team of new Gajmitras took command to deal with wild elephants and the old Gajmitras were reactivated :उवेश रहमान : बिछिया : बहराइच। कतर्नियाघाट वन्य जीव अभ्यारण्य में जंगली हाथियों के आबादी की ओर बढ़ते कदम को रोकने के लिए न्यूज़ संस्था ने नए गजमित्रोँ की टीम का गठन का काम पूरा कर लिया है। जँगली हाथियों से निपटने को नए गजमित्रों की टीम ने कमान सँभाल ली है साथ ही पुराने गजमित्रों को पुनः एक्टिव किया गया है। न्यूज़ संस्था ने जँगली हाथियों से प्रभावित दस गाँवों में नए गजमित्रोँ की टीम गठन के बाद गजमित्रों को सुरक्षा किट भी बांटे।
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न्यूज संस्था द्वारा चलाए जा रहे पांच दिवसीय प्रशिक्षण कैम्प के दौरान नए गजमित्रों को संसाधनों से लैस किया गया उन्हें सुरक्षा किट बाँटे प्रशिक्षण कैम्प के दौरान प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक ने बताया कि जँगली हाथियों से प्रभावित प्रत्येक गांवों से 10 गजमित्रों का चयन किया गया।
नए और पुराने गांव को मिलाकर 105 गजमित्रोँ को उपकरण बांटे गए।10 गजमित्रों के ग्रुप पर तीन टार्च दिया गया है जो तेज बिम्ब रोशनी के साथ हाथियों को भगाने में मददगार साबित होंगे।पाँच पाँच के अलग अलग ग्रुप में टीम शिफ्ट वाइज काम करेगी। प्रत्येक गजमित्र अपने सुविधा अनुसार टार्च का आदान प्रदान कर सकता है।
गजमित्रों को रिफ्लेक्टर दिया गया है इससे रात्रि पेट्रोलिंग के दौरान वन विभाग, एसएसबी की टीम रात्रि में चमकने पर गजमित्र की पहचान कर सकेंगे। साथ ही टी शर्ट, खास तकनीक से बने सीटी को भी दिया गया जिसको बजाने पर गजमित्र ग्रामीणो को यह सूचित करेगा कि कोई न कोई जानवर गांव में प्रवेश कर चुका है। सीटी से तीन अलग अलग प्रकार से आवाज निकाली जाएगी जिससे हाथी के लोकेशन का पता चल सकेगा।
अभिषेक ने बताया कि अगली बार गजमित्रों की सुरक्षा हेतु ऐनिमल डेरेनेन्ट स्प्रे, उनके गांव की सुरक्षा के लिए मचान, सोलर लाइट, सामुदायिक शौचालय उपलब्ध कराया जाएगा। इस दौरान बॉयोलॉजिस्ट सुतांशुदास, कम्युनिटी एडुकेटर कैशपियन कोनवार, कम्युनिटी वर्कर तथा फील्ड असिस्टेंट राजा हसन, ग्राम प्रधान बसंतलाल आदि मौजूद रहे।
इन गांवों के गजमित्रोँ की टीम को मिली ट्रेनिंग