- सिपाहियों ने युवक को सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, फिर उलटे युवक को पकड़ ले गए थाने
लखीमपुर खीरी। जिले की पलिया कोतवाली की पुलिस पूरी तरह से बेलगाम हो चुकी है। राह चलते किसी की भी पिटाई करने लगती है। पलिया कोतवाली पुलिस का हाल ही में एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक पुलिस कर्मी इस ग्रामीण की किस तरह से पिटाई कर रहा है। मानवाधिकार का हनन करते हुए ग्रामीण की धुनाई कर रहे इस पुलिसकर्मी के खिलाफ क्या विभागीय अधिकारी कोई कार्रवाई करेंगे? यह सवाल सभी के जेहन में कौध रहा है।
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प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आज शुक्रवार को पलिया-भीरा मार्ग पर ग्राम अतरिया के पास भारी वर्षा के बाद चल रहे पानी को देखने के लिए तमाम भीड़ जुटी हुई थी। इसी बीच पलिया कोतवाली में तैनात सिपाही जुबैर ने एक ग्रामीण से कुछ अभद्र भाषा का प्रयोग कर दिया। जिसका ग्रामीण ने विरोध किया तो वह सिपाही इस ग्रामीण पर भेड़िए की तरह टूट पड़ा और सड़क पर ही दौड़ा-दौड़ा कर पीटने लगा।
साथ में मौजूद एक अन्य सिपाही बचाने का प्रयास भी करता दिखा, लेकिन इस दबंग सिपाही ने ग्रामीण को छोड़ने की वजाय और जोर-जोर से पीटना शुरू कर दिया। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का यह भी कहना है कि युवक से अनजाने में सिपाही की वर्दी पर हाथ लग गया था। जिससे आग बबूला हुए सिपाही ने युवक को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। लात-घूसों से युवक की पिटाई करने से मौके पर मौजूद अन्य लोगों में भी सिपाही के प्रति नफरत देखने को मिली।
बताया जा रहा है कि कुछ समय पहले इस दबंग सिपाही की कुछ लोगों ने पलिया सीओ से शिकायत की थी। लेकिन उस समय भी सक्षम अधिकारियों ने कोई संज्ञान नहीं लिया था। उधर पुलिस उल्टे उस युवक को पकड़कर कोतवाली लेकर गयी है। जहां उसे डरा धमकाकर पुलिस अपने पक्ष में बयान कराने में जुटी हुई है। लोगों का कहना है कि युवक को दोषी ठहराकर उसके खिलाफ कार्रवाई कर दी जाएगी।
पलिया में पुलिस ने अंधेरगर्दी कायम कर रखी है। आए दिन कहीं किसी सिपाही द्वारा निर्दोषों के साथ अभद्रता के मामले प्रकाश में आते हैं और कहीं अवैध वसूली तो कहीं कोतवाली पहुंचे फरियादियों के साथ गाली-गलौज करने के मामले सुनने को मिलते हैं। इसके बाद भी सक्षम अधिकारियों द्वारा दोषी सिपाहियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। बता दें कि कुछ पुलिसकर्मी कोतवाली में ऐसे भी हैं, जिसकी तैनाती को तीन साल से भी अधिक समय हो चुका है, लेकिन उनका स्थानान्तरण नहीं किया जा रहा है। जिस कारण आए दिन ऐसे मामले प्रकाश में आते-रहते हैं।
इस सम्बन्ध में पुलिस क्षेत्राधिकारी से जानकारी ली गयी तो उन्होंने यह तो स्वीकार किया कि इस तरह से सड़क पर पीटना गलत है, लेकिन ऐसा प्रतीत हुआ कि कहीं न कहीं वह भी सिपाही का बचाव करने का प्रयास कर रहे हैं। फिलहाल अब देखना है कि इस मामले को संज्ञान में लेकर दोषी पुलिसकर्मी के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाती है या फिर इस ग्रामीण को ही बलि का बकरा बनाकर मामला शान्त कर दिया जाता है। नियमानुसार यदि ग्रामीण के विरुद्ध कार्रवाई की जाए तो इस तरह से बीच सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर पिटाई करने वाले पुलिसकर्मी के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।