UPKeBol : बदायूं। यूपी के बदायूं जिले के सदर तहसील के उप जिलाधिकारी (न्यायिक कोर्ट) विनीत कुमार ने जमीनी विवाद के मामले में पीडब्ल्यूडी के बजाय राज्यपाल को सम्मन भेज दिया था। 18 अक्टूबर को राज्यपाल को एसडीएम कोर्ट में तलब होने का आदेश दिया गया था। एसडीएम (SDM) द्वारा भेजा गया यह सम्मन आदेश राज्यपाल कार्यालय को मिला तो पूरे प्रदेश मे भूचाल आ गया। बदायूं के एसडीएम की कार्यशैली को लेकर सवाल उठने लगे। इसके बाद आनन-फानन में जिलाधिकारी ने एसडीएम को चेतावनी जारी करते हुए जांच कमेटी गठित कर दी। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट शासन को भेजी। शासन ने बुधवार दोपहर बाद उप जिलाधिकारी विनीत कुमार को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है साथ ही जिलाधिकारी ने एसडीएम के पेशकार को निलंबित किया है।
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आपको बताते चलें कि यूपी के बदायूं जिले में एक परियोजना के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया था उसका बैनामा राज्यपाल पद के नाम हुआ था। इसी जमीन के मामले को लेकर विवाद में एसडीएम न्यायालय पर मुकदमा दायर था। जमीन राज्यपाल पद के नाम से होने के बावजूद जमीन की देखभाल पीडब्ल्यूडी विभाग करता है।
ऐसे मे एसडीएम की ओर से सम्मन पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को जाना चाहिए था। लेकिन एसडीएम सदर के न्यायिक कोर्ट ने सम्मन यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेज दिया। उन्हें 18 अक्टूबर को एसडीएम कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया गया था।
एसडीएम कोर्ट से भेजा गया यह सम्मन आदेश 10 अक्टूबर को राज्यपाल के राजभवन कार्यालय को मिला। एसडीएम का सम्मन आदेश मिलने के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया। बदायूं जिले की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठने लगे। मामला बढ़ता देख जिलाधिकारी मनोज कुमार ने तत्काल उप जिलाधिकारी विनीत कुमार को चेतावनी नोटिस जारी की। इसके साथ ही जांच कमेटी का गठन किया।
तीन दिन पूर्व पूरे मामले की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद जिलाधिकारी मनोज कुमार ने शासन को रिपोर्ट भेज दी। शासन ने सख्त एक्शन लेते हुए उप जिलाधिकारी विनीत कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उधर एसडीएम के निलंबित होते ही जिलाधिकारी ने एसडीएम के पेशकार बदन सिंह को भी मामले में लापरवाही बरतने का दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया है।
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