UPKeBol : अमेठी। जिले में एनएच – 56 निर्माण चौड़ीकरण के दौरान जमीन अधिग्रहण के बाद ग्रामीणों को मुआवजा वितरण में जमकर हेरा फेरी की गई। ग्रामीणों की शिकायत के बाद जांच हुई तो मामले का खुलासा अब हुआ है। इस पर अमेठी के जिलाधिकारी ने एक्शन लेते हुए तत्कालीन दो उप जिलाधिकारी समेत कई लोगों के खिलाफ मुआवजा वितरण राशि में हेरा फेरी के मामले में केस दर्ज कराया है। जिलाधिकारी के क्षेत्र के बाद हड़कंप मचा हुआ है। घोटाले में संलिप्त तहसील के अन्य कर्मचारी अपने बचाव में जुट गए हैं।
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यूपी के अमेठी जिले में एनएच – 56 लखनऊ-सुल्तानपुर मार्ग के निर्माण और चौड़ीकरण के दौरान अधिग्रहित की गई जमीन के लिए किसानों को मुआवजा प्रदान किया जाना था। किसानों को प्रदान किए जाने वाले लगभग 382 करोड़ मुआवजे की धनराशि में जमकर हेरा फेरी की गई। मुआवजा वितरण में बड़े पैमाने पर अनियमिताएं भी हुई। इसकी शिकायत पीड़ित किसानों ने जिलाधिकारी व मुख्यमंत्री से की थी।
एनएच – 56 के 382 करोड़ मुआवजा वितरण में हुई है हेराफेरी
पूरे मामले की सघनता से जांच हुई तो मुआवजा वितरण में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं मिली हैं। जांच में पुष्टि होने के बाद जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र के निर्देश पर तत्कालीन उप जिलाधिकारी (SDM) आरडी राम और अशोक कनौजिया समेत कई अन्य राजस्व और तहसील कर्मियों पर मुसाफिरखाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया गया है।
आपको बता दे की मुआवजा वितरण में अनियमितता की शिकायत किसानों द्वारा किए जाने के बाद शासन स्तर से गठित विशेष टीम के द्वारा पूरे मामले की जांच की गई। जाँच में एनएच 56 के मुआवजा वितरण में दो तत्कालीन एसडीएम व कुछ अन्य तहसील कर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। जांच टीम ने घोटाले की रिपोर्ट शासन को सौंपी थी।
उसके बाद शासन के निर्देश पर घोटाले में संलिप्त दो तत्कालीन एसडीएम आरडी राम व अशोक कुमार कनौजिया के विरुद्ध धारा 418, 409, 420 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है। एनएच 56 मुआवजा वितरण में अधिकारियों पर धांधली पर हुई कार्रवाई को लेकर हड़कंप मचा है।
इस बाबत सीओ गौरव सिंह व कोतवाल विनोद सिंह से वार्ता की कोशिश की गई लेकिन फोन स्विच ऑफ मिला।
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