- जलवायु परिवर्तन, इसके प्रभाव और चुनौतियों पर तीन राज्यों के लोग करेंगे मंथन
Conclave on Climate Change, Impacts and Challenges : लखनऊ। शहरी जलवायु न्याय की दिशा में समुदायों को सशक्त बनाने के लिए एक पहल हो रही है। इस पहल के तहत लखनऊ में तीन दिनों का एक सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में तीन राज्यों के लोग शामिल होंगे। जलवायु परिवर्तन, इसके प्रभाव और चुनौतियों विषय पर आयोजित सम्मेलन के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से संबंधित सभी बिंदुओं पर मंथन किया जाएगा।
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आपको बताते चलें कि जलवायु परिवर्तन वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। इसके व्यापक प्रभाव से निपटने के लिए एक्शनएड एसोसिएशन और विज्ञान फाउंडेशन के सहयोग से, बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी, लखनऊ के साथ मिलकर, एक अनूठी पहल के रूप में लखनऊ में एक जलवायु परिवर्तन सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में रहने वाले हाशिये के समुदायों की आवाज को मजबूत करना और उन्हें जलवायु न्याय की वैश्विक चर्चा से जोड़ना है। इसमें तीन राज्यों के लोग शामिल होंगे।
एक्शन एड (Actionaid) संस्था के खालिद चौधरी ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के विस्तारित प्रभावों और इसकी चुनौतियों को समझने और सामना करने के लिए एक महत्वपूर्ण सम्मेलन होटल रणवीर, विराम खंड, गोमती नगर, लखनऊ में 13 से 15 मार्च 2024 तक आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, और राजस्थान के विविध हितधारकों को एक साथ लाना है, ताकि वे जलवायु परिवर्तन के बढ़ते संकट और इसके परिणामस्वरूप उत्पन्न होने वाली चुनौतियों पर गहन चर्चा कर सकें। इस सम्मेलन में वैज्ञानिक, पर्यावरणविद्, नीति निर्माता, नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधि, शिक्षाविद् और युवा कार्यकर्ता भाग लेंगे।
सम्मेलन में विभिन्न जिलों और कस्बों से आए सरकारी अधिकारी, प्रमुख पर्यावरण विशेषज्ञ, शिक्षाविद्, सिविल सोसाइटी समूह, छात्र और युवा सहित समुदाय के सदस्य शामिल होंगे। यहाँ पर वे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों, खासकर लू और सूखे के प्रभावों पर गहन चर्चा करेंगे और इसके विरुद्ध सामूहिक कार्रवाई के मार्ग तलाशेंगे।
इस पहल के यह हैं मुख्य उद्देश्य 👉
- शहरी क्षेत्रों में रहने वाले स्थानीय और हाशिये के समुदायों में जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता बढ़ाना, उनकी क्षमताओं को मजबूत करना, और उन्हें अधिकार सम्पन्न बनाना।
- गैर-राज्य कारकों और शहरी हाशिये के समुदायों के सदस्यों के लिए एक सीखने और चिंतन की जगह प्रदान करना, ताकि वे क्षेत्रीय, राष्ट्रीय, और वैश्विक जलवायु नीतियों से संबंधित मुद्दों को समझें।
- शहरों में रहने वाले स्थानीय और हाशिये के समुदायों की जागरूकता बढ़ाना, क्षमता मजबूत करना और एजेंसी बनाना, उनके जीवन अनुभवों को वैश्विक जलवायु परिवर्तन चर्चा और शहरी जलवायु न्याय से जोड़ना।
- गैर-राज्य कारकों और शहरी हाशिये के समुदायों के सदस्यों के लिए एक सीखने और चिंतन की जगह प्रदान करना ताकि क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और वैश्विक जलवायु नीतियों से संबंधित मुद्दों को संबोधित किया जा सके।
- हानि और क्षति तथा मुआवजे की रूपरेखा बनाने के लिए जानकारी और प्रमाण इकट्ठा करना, ताकि जलवायु न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
- शहरी क्षेत्र में रहने वाले विभिन्न हितधारकों के बीच विचारों और अनुभवों के परस्पर संवाद को सुविधाजनक बनाना और वैज्ञानिक मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित अभ्यास और अकादमिक-कार्यकर्ता ज्ञान आधारित समुदाय को स्थापित करना।
- शहरी लचीलापन पर केंद्रित राष्ट्रीय और वैश्विक जलवायु नीतियों को प्रभावित करने के लिए एकजुटता समूहों और हितधारक नेटवर्कों के गठन को सुविधाजनक बनाना।
- सम्मेलन के दौरान, विभिन्न तकनीकी सत्र और पैनल चर्चाएँ होंगी। इसमें जलवायु परिवर्तन के कारणों, प्रभावों, और इससे निपटने के समाधानों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इस सम्मेलन के माध्यम से, हम एक ऐसे मंच की स्थापना करने की आशा करते हैं, जहाँ विविध विचारों और समाधानों को साझा किया जा सके, जिससे जलवायु परिवर्तन के खिलाफ संघर्ष में मजबूती मिल सके।