- रोडवेज बसों में फूहड़ अश्लील संगीत के बीच यात्रा करने को मजबूर हैं यात्री, विरोध करने पर चालक- परिचालक करते अभद्रता
Passengers are forced to travel in roadways buses amid obscene music : बहराइच। योगी सरकार रोडवेज बसों में रामाधुन बजवाकर सनातन धर्म के साथ संस्कार और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा दे रही है। आपका अपना साथी के स्लोगन से परिवहन निगम यात्रियों का भरोसा जीतने का भी प्रयास कर रहा है। इन सबके बीच चालक और परिचालक की मनमानी से यात्री परेशान हैं। रोडवेज बसों में बजने वाले फूहड़ संगीत से परिवार का एक साथ यात्रा करना मुश्किल हो रहा है, विरोध करने पर चालक- परिचालक यात्रियों से अभद्रता करते हुए मारपीट पर उतारू हो जाते हैं।
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बस में बैठे लोगों ने इसका विरोध किया तो चालक उत्तेजित हो गया और बोला सरकार बजाने के लिए बसों में म्यूजिक लगवाती है तो हम क्यों न बजाएं। चालक की दबंगई के आगे मजबूरन महिलाएं और अन्य यात्रियों को बस में फूहड़ अश्लील संगीत के बीच ही यात्रा पूरी करनी पड़ी।
यही नहीं एक वरिष्ठ नागरिक बहराइच से इकौना सफर कर रहे थे। उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। इस रोडवेज बस में बहुत तेज धुन में गाना बज रहा था। ड्राइवर को आवाज कम करने के लिए कहा तो वह उल्टी सीधी बातें करने लगा। जयचंदपुर कटघरा उतरने वाले एक यात्री ने बस रोकने के लिए चालक से कहा, लेकिन तेज धुन में बज रहे गाने के चलते उनकी आवाज न तो परिचालक को सुनाई दी और न ही चालक को। जब सुनाई भी दी तो यात्री को चालक ने रौब में लेते हुए कहा कि घंटी लगी है उसे नहीं बजा सकते हो।
अब आप ही बताइए घंटी बजाने का काम परिचालक का है या यात्री का। इसे भी बताने को कोई तैयार नहीं है। तेज धुन में बज रहे गाने के चलते इस यात्री को चालक ने एक किमी आगे ले जाकर उतार दिया। नतीजतन इस यात्री को एक किमी की पैदल यात्रा करनी पड़ी।
यह घटनाएं सिर्फ एक बानगी भर हैं। लोगों की मानें तो ऐसे ही बस चालक का यात्रियों के साथ अभद्रता करना शगल बन गया है। कमोवेश टेंपो, आटो समेत अधिसंख्य सवारी वाहनों में ऐसे ही गीतों की भरमार रहती है। स्थिति यह है कि हर बस व टेंपो में फूहड़ गीतों की धुन के बीच महिलाओं व अन्य लोगों को यात्रा करना पड़ता है।
बहराइच से गिलौला, इकौना, कटरा और आसपास के क्षेत्रों में सैकड़ों महिलाएं नौकरी करने जाती है। स्थानीय छात्राओं और घरेलू महिलाओं को इस समस्या का सबसे ज्यादा सामना करना पड़ता है। यह फूहड़ता बलरामपुर से शुरू होकर बहराइच, लखनऊ तक संक्रमण की तरह फैल गया है।
एआरएम बहराइच ने नहीं रिसीव किया फोन
शिकवा शिकायत के बावजूद जिम्मेदार इस पर अंकुश नहीं लगाते। नौकरी पेशा महिलाओं का कहना है कि शिकायत करने पर भी कार्रवाई नहीं होती है। हद तो तब हो गई जब इस संबंध में एआरएम बहराइच के मोबाइल नंबर 8726005126 पर शनिवार को अपरान्ह 3.35 मिनट पर बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया, घंटी बजती रही।
उधर पुलिस का कहना है कि फूहड़ता को रोकने के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्रवाई की जा रही है। जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते रोडवेज बस सेवा यात्रियों का भरोसा नहीं जीत पा रही है और चालक परिचालक योगी सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं, जिम्मेदार मौन हैं। ऐसे में परिवहन निगम की आय कैसे बढ़ेगी यह लखटकिया सवाल लोगों के जेहन में कौंध रहा है।
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