- मेनका गांधी के हस्तक्षेप पर महाराष्ट्र के रायगढ़ में बंधक सुल्तानपुर के 90 मछुआरे रिहा
- महाराष्ट्र के रायगढ़ में मत्स्य आखेट के लिए कई नौकाओं पर निकले मछुआरों को बगैर जुर्म के बनाया गया था बंधक
सुल्तानपुर। जिले के 90 मछुआरों को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में माह भर से अवैध रूप से बंधक बनाने की जानकारी होने पर सांसद मेनका गांधी ने कड़ा एतराज जताया है। इसका खुलासा तब हुआ जब पीड़ित मछुआरों के परिवारीजनों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी से अपना दुखड़ा रोया। श्रीमती गांधी ने महाराष्ट्र सरकार को इस पूरे मामले से अवगत कराया तो संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों में हड़कंप मच गया। आनन- फानन में सभी ने मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए कस्टडी में रखे गए सभी नब्बे मछुआरों को छोड़ दिया गया है।
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गौरतलब है कि सुल्तानपुर जिले के बल्दीराय , लंभुआ, जयसिंहपुर, चांदा, कूरेभार, कटका आदि क्षेत्रों से संबंधित दर्जनों गांवों के सैकड़ों निषाद समाज के मछुआरे महाराष्ट्र के रायगढ़ में मजदूर के रूप में समुद्र से मत्स्य आखेट करते हैं। गत माह करीब नब्बे मछुआरे मछली शिकारी ठेकेदारों के साथ समुद्र में 14 नावों पर शिकार कर रहे थे।
शिकार के दौरान समुद्र के कोस्टगार्ड तटरक्षकों ने बोट व नौकाओं सहित दर्जनों मछुआरों को रोक लिया था इस दौरान मत्स्य अधिकारी भी मौजूद रहे। सभी ने मत्स्य आखेटक ठेकेदारों को सामुद्रिक नियमों के उल्लंघन के आरोप में बंधक बना लिया, साथ ही सभी नौकाएं भी सीज कर दीं। पकड़े गए सभी मछली के शिकारी दैनिक मजदूरी पर ठेकेदारों के अधीन मत्स्य आखेट करने वाले श्रमिक ही थे।
कोस्टगार्ड, मत्स्य विभाग व पुलिस के सामने गुहार लगाने के बावजूद पकड़े गए इन मत्स्य आखेटक ठेकेदारों के परिवार के लोगों को कोई सफलता नहीं मिली। सांसद प्रतिनिधि रणजीत कुमार एवं मीडिया प्रभारी विजय सिंह रघुवंशी ने बताया कि मछुआरों के परिवारीजनों ने निषाद पार्टी के संगठन जिला उपाध्यक्ष रमेश निषाद को साथ लेकर सांसद मेनका संजय गांधी से मिलकर प्रकरण से अवगत कराया तो सांसद ने रायगढ़ के फिशरीज कमिश्नर, पुलिस अधीक्षक व मुरुड पुलिस एसएचओ से वार्ता की।
इस प्रकरण में निर्दोष मछुआरों को बंधक बनाने पर अफसर कोई सफाई नहीं पेश कर सके। आखिरकार आनन फानन में सभी बंधक बनाए गए मछुआरों की तत्काल रिहाई के निर्देश उच्चाधिकारियों ने मातहतों को दे दिए हैं। कमिश्नर अतुल पाटने ने बताया कि सभी मछुआरे बोट मालिकों को सौंपे जा चुके हैं। पुलिस स्टेशन मुरुड की एसएचओ निशा जाधव जे ने भी इसकी पुष्टि की है। निषाद समुदाय ने परिजनों के मुक्त होने पर सांसद मेनका गांधी से मिलकर उनके सहयोग के लिए आभार जताया।
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