- सत्याग्रह आन्दोलन के 57 वें दिन मुख्यमंत्री के ओएसडी ने मदरसा शिक्षकों से वार्ता कर मांगा तीन दिन का समय
On the 57th day of the Satyagraha movement, the Chief Minister’s OSD talked to the madrasa teachers and asked for three days’ time : लखनऊ। अपने हक और अधिकार के लिए सत्याग्रह आंदोलन कर रहे हैं मदरसा शिक्षकों की समस्याएं हल नहीं हुई है। सत्याग्रह आन्दोलन के 57 वें दिन समस्या समाधान की किरण जरूर दिखाई पड़ी है। मुख्यमंत्री के ओएसडी ने मदरसा शिक्षकों से वार्ता कर तीन दिन का समय मांगा है। विधान परिषद में काम रोको प्रस्ताव के तहत चर्चा के बाद भी अभी तक मानदेय समेत विभिन्न समस्याओं का हल न निकलने से मदरसा शिक्षक परेशान है। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह के आश्वासन के बाद भी अधिकारी उदासीनता बरत रहे हैं।
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चर्चा एवं वाद-विवाद के बाद सदन में मौजूद अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने शिक्षकों के अब तक के बकाया वेतन भुगतान का आश्वासन भी दिया था, लेकिन अभी तक निर्णय न निकलने से ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है जिससे मदरसा शिक्षकों में विरोध बढता ही जा रहा है और स्थिति कभी भी बिगड़ सकती है। शिक्षक पूरी तरह से आर-पार के मूड़ में दिखायी दे रहे हैं उनका कहना है कि सरकार जल्द से वेतन जारी करे अन्यथा बाद में लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाने पर मामला फिर ठंडे बस्ते में चला जायेगा।
हालांकि इस उहापोह के बीच मुख्यमंत्री के ओएसडी ने आज सोमवार को मदरसा शिक्षक एकता समिति के पदाधिकारियों से वार्ता कर समस्याओं को तीन दिनों में हल कराने का वादा किया है, इससे मदरसा शिक्षको में उम्मीद बढ़ी है।
इस दौरान पुलिस प्रशासन को मदरसा शिक्षकों के भारी विरोध का सामना करना पडा मदरसा शिक्षक अब आर-पार के मूड में दिखायी दे रहे हैं और ऐसा लगता है कि मदरसा शिक्षकों की समस्याओं का समाधान न होने पर अब आन्दोलन कभी भी और उग्र रूप ले सकता है।
मदरसा शिक्षकों का कहना है कि वे माननीय योगी जी से मिलकर अपनी व्यथा कह कर बकाया वेतन तत्काल दिलाने की मांग पिछले 57 दिनों से कर रहे हैं लेकिन प्रशासन मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात नहीं करा रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष अशरफ अली उर्फ सिकन्दर बाबा ने कहा कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे मदरसा शिक्षक एक-एक कर निरंतर भुखमरी व इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं, लेकिन केन्द्र सरकार के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की तरफ से घोर लापरवाही बरती जा रही है शिक्षकों को पिछले सात वर्षों से अधिक समय से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है जबकि आर्थिक तंगी से 200 से अधिक मदरसा शिक्षकों की दर्दनाक मौत हो चुकी है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा अतिरिक्त राज्यांश बंद किये जाने की खबर के सदमे से पिछले 50 दिनों में पांच शिक्षकों की दर्दनाक मौत हो चुकी है शिक्षकों के हालात बद् से बद्तर हो गए हैं | उन्होंने बताया कि 2017 -18 से लेकर अब तक के समस्त बकाया वेतन का भुगतान एवं महंगाई को देखते हुये मानदेय/वेतन भुगतान प्रतिमाह राज्य सरकार से किए जाने की मांग योगी सरकार से कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मदरसा आधुनिकीकरण योजना भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में भी शामिल रही है फिर भी मदरसा शिक्षक भुखमरी का शिकार हो रहे हैं।
प्रदेश मीडिया प्रभारी अनन्त प्रताप सिंह ने कहा कि मदरसा आधुनिकीकरण योजना देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई जी की ड्रीम योजना थी जिसके माध्यम से उन्होंने अल्पसंख्यक समाज के लोगों को मुख्यधारा में लाने का सपना देखा था। प्रदेश मीडिया प्रभारी अनन्त प्रताप सिंह व अजित प्रताप सिंह, जी राजेश श्रीवास्तव जी देतदीन जी ने बताया कि यदि शीघ्र ही हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो शिक्षक आमरण अनशन, आत्मदाह, मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, विधानसभा, सचिवालय, एवं निदेशालय का घेराव करने पर फिर मजबूर होंगे।
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