- बहराइच के कतर्नियाघाट में अब नींबू की महक से भागेंगे जंगली हाथी
Now wild elephants will run away due to the smell of lemon in Katarniaghat of Bahraich : उवेश रहमान : बिछिया : बहराइच। यूपी के बहराइच जिले में स्थित कतर्निया घाट संरक्षित वन क्षेत्र के आसपास गांव में जंगली हाथियों के उत्पात पर अब नींबू से अंकुश लगेगा। अब नींबू की महक से न सिर्फ जंगली हाथी भागेंगे बल्कि नींबू के पौधे बायो फेंसिंग के रूप में काम करेंगे। जंगल से सटे हाथी के हमले से प्रभावित गाँवो में आबादी और फसलों को बचाने के लिए न्यूज संस्था नींबू के पौध रोपण पर बल दे रही है। इसके लिए गोष्ठी के जरिए ईपीजी (हाथी बचाव दल) ग्रामीणों को नीम्बू के पौधे लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
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यह ग्रामीण पूरी रात जगाकर हांका लगाकर खेतों की रखवाली कर रहे है। किसानों की फसलों की सुरक्षा के लिए न्यूज़ संस्था के सदस्यों द्वारा हाथी प्रभावित गांवों में गोष्ठी के जरिये नीबू के पौधे लगाने पर जोर दिया जा रहा है। हाथी बचाव दल के सदस्य ग्रामीणों को अपने खेतों के चारों ओर नीबू के पौधे लगाने के लिए प्रेरित कर रहे है।
न्यूज़ संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक ने बताया कि जँगली हाथियों को भगाने के लिए नीम्बू के पौधे काफी कारगर उपाय है। उन्होंने कहा कि नीम्बू की महक से हाथी दूर रहते है और नींबू के पेड़ो के कांटों से भी हाथी भागते है। न्यूज़ संस्था ने हाथी प्रभावित गाँवो में नींबू के पौधा रोपण की पहल भी शुरू कर दी है।
प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक ने बताया कि जँगली हाथियों को भगाने के लिए संस्था भवानीपुर गांव में नींबू पौध रोपण की शुरुआत करने जा रही है। इसके लिए हमारे इपीजी सदस्य भवानीपुर गांव जाकर ग्रामीणों से बातचीत कर नीम्बू की पौधे लगाने के लिए प्रेरित करेंगे साथ ही गांव में इसकी कलम तैयार करने पर विचार किया जा रहा है। इसे बायो फेंसिंग भी बोलते है। आसाम में ये काफी सक्सेसफुल मॉडल है यह नीम्बू के पेड़ जैसे बड़े होते है अपने मे फंसकर एक फेंसिंग का काम करते है।
ग्रामीणों की आमदनी का भी बनेंगे जरिया
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