- हाथियों के हमलों से बचाव एवं फसलों की सुरक्षा पर हुआ गहन मंथन
UPKeBol : उवेश रहमान : बिछिया : बहराइच। नेचर एनवायरनमेंट एंड वाइल्ड लाइफ़ सोसाइटी (न्यूज) के बैनर तले सामुदायिक आधारित बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में भारत-नेपाल सीमावर्ती गांवों में मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लागत प्रभावी उपायों पर चर्चा हुई। सामुदायिक आधरित बैठक में हाथियों के हमलों से बचाव एवं फसलों की सुरक्षा पर भी गहन मंथन किया गया।
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बहराइच के कतर्निया घाट सेंचुरी से सटे हाथी के हमले से प्रभावित फकीरपुरी, रमपुरवा, बर्दिया, बिशुनापुर, आंबा गांव में समुदाय आधारित पांच दिवसीय बैठक का समापन हुआ। न्यूज़ संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक के निर्देश पर कम्युनिटी वर्कर, फील्ड असिस्टेंट दोनो की उपस्थिति में ग्रामीणों को हाथियों के हमलों से सुरक्षा और फसलों के बचाव पर सामूहिक रूप से मंथन करते हुए समस्या के समाधान पर चर्चा की गई।
सामुदायिक आधरित बैठक में हाथियों से सुरक्षा से संबंधित जानकारी ग्रामीणों से साझा की गई। फील्ड सहायक राजा हसन ने बताया कि हाथियों का गांव में मूवमेंट दिखने पर सबसे पहले वन विभाग को सूचित करें। गोबर के कंडे में सूखे मिर्च का सुलगाव करें।
हाथी दिखने पर संघर्ष करने की कोशिश ना करें बल्कि टार्च की रोशनी करें, इससे हाथी भाग जाता है। हाथी के पगचिह्नों से ग्रामीण पता लगा सकते हैं कि कौन से हाथी का मूवमेंट है। इस दौरान ग्राम प्रधान बसंतलाल, इकरार अंसारी, वन दारोगा रामसुख आदि उपस्थित रहे।