Corruption in chain link wire fencing work in Bahraich : Uvaish Rehman : बहराइच : बिछिया। कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र से सटे गांव के ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए चेन लिंक तार फेंसिंग कार्य में चल रहे भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, अगर संबंधित अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया तो सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया जाएगा। यह बात बिछिया में आयोजित ग्राम स्तरीय वन अधिकार समिति महासंघ को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने कहा।
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बैठक को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने कहा कि वन क्षेत्र के निकट रहने वाले लोगों के लिए तार फेंसिंग परियोजना बहुत महत्वपूर्ण है, किंतु यह परियोजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है और इसमें वन विभाग की चुप्पी से यह स्पष्ट हो रहा है कि वह भी इस भ्रष्टाचार में बराबर का हिस्सेदार है।
सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने कहा कि इस फेसिंग कार्य में प्रति किलोमीटर 31 लाख रुपए की लागत निर्धारित की गई है, किंतु सभी प्रकार के काम मानक के विपरीत किए जा रहे हैं। उपस्थित जन समुदाय ने मुख्यमंत्री से तत्काल इस काम की स्वतंत्र जांच की मांग की है।
मुख्यमंत्री को भेजे गए ईमेल में लगाए यह आरोप :
- चैन लिंक तार फेंसिंग कार्य जंगल की जमीन के बजाय काश्तकारों की राजस्व भूमि पर किया जा रहा है।
- चैन लिंक तार फेंसिंग कार्य में प्रथम श्रेणी की ईंट के बजाय पीले और घटिया किस्म के ईंटों का प्रयोग किया जा रहा है।
- चैन लिंक तार फेंसिंग कार्य में मौरंग,बालू के बजाय घटिया किस्म के पत्थर डस्ट का प्रयोग किया जा रहा है।
- चैन लिंक तार फेंसिंग कार्य मे नींव की गहराई मानक के अनुरूप नहीं है।
- चैन लिंक तार फेंसिंग कार्य मे नींव की रोड़ा, गिट्टी, सीमेंट से भराई होना चाहिए किन्तु बिना कुछ किए नींव भरी जा रही है जो मानक के अनुरूप नहीं है।
- कतरनिया रेंज के गिरिजा पुरी से कैलाश पुरी तक जंगल के बीच से होकर तार फेंसिंग की जा रही है जो वन्यजीवों के आवागमन में बाधक है।
- चेन लिंक तार फेंसिंग कार्य की अनुमति सम्बन्धित ग्राम स्तरीय वन अधिकार समितियों से नहीं ली गई है जो सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा उड़ीसा माइनिंग कारपोरेशन केस में दिए गए निर्णय का सरासर उल्लंघन है।
- वनभूमि पर चेन लिंक तार फेंसिंग कार्य के निर्माण से पूर्व राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी)की अनुज्ञा प्राप्त नहीं की गई है।
कतिपय वनकर्मी वन संरक्षण कार्य के कर्तव्य से विमुख होकर चेन लिंक तार फेंसिंग कार्य में गुप्त रूप से ठेकेदारी कर रहे हैं जो कि भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 75 के तहत अपराध है।
बैठक में उपस्थित जन समुदाय ने सर्वसम्मति से तार फेंसिंग परियोजना को जांच होने तक हो रहे कार्य पर रोक लगाए जाने की मांग की है। लोगों ने कहा है कि यदि पूरे मामले की स्वतंत्र जांच नहीं हुई तो वन अधिकार आंदोलन के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर धरना प्रदर्शन करेंगे, लेकिन किसी भी तरह से भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे।
बैठक को वन अधिकार समिति बिछिया के अध्यक्ष सरोज गुप्ता वन अधिकार आंदोलन के अध्यक्ष शंकर सिंह,प्रधान प्रतिनिधि प्रीतम निषाद, राम प्रकाश, रघुवीर, मीरा देवी,नंद किशोर, सूरज देव, राम समुझ मौर्य आदि ने संबोधित किया।
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