- Breaking News : बढ़ई की मजदूरी न देने पर एसएचओ और दरोगा पर जुर्माना: मितौली एसडीएम न्यायालय का फैसला
- मितौली में 7 साल पुराना मामला, एसएचओ और दरोगा दोषी करार
उवेश रहमान : लखीमपुर खीरी। मितौली के एक कोर्ट ने सात साल पुराने मामले में एसएचओ घनश्याम राम और दरोगा सुरेन्द्र सिंह को दोषी करार देते हुए उन्हें एक बड़ी सजा सुनाई। मामला था एक बढ़ई द्वारा घरेलू फर्नीचर बनाने का, जिसके बदले उसे मजदूरी नहीं दी गई थी। अब, अदालत ने दोषी पुलिस अधिकारियों पर जुर्माना लगाया है और बकाया मजदूरी की पूरी राशि आरोपी अधिकारियों को चुकता करने का आदेश दिया है।
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आपको बताते चलें पूरा मामला फर्नीचर निर्माण और मजदूरी के विवाद का है। करीब सात साल पहले, मैगलगंज कोतवाली परिसर में एक बढ़ई को घरेलू फर्नीचर बनाने के लिए काम पर रखा गया था। बढ़ई ने अपना काम सही तरीके से पूरा किया, लेकिन उसे तय मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया। जब कई बार शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो बढ़ई ने अदालत का रुख किया।
कोर्ट का फैसला और जुर्माना
मितौली एसडीएम न्यायालय ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएचओ घनश्याम राम और दरोगा सुरेन्द्र सिंह को दोषी ठहराया। दोनों अधिकारियों पर बकाया मजदूरी के साथ-साथ अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया गया। कोर्ट ने आदेश दिया कि अधिकारियों को बढ़ई को ढाई लाख रुपए की मजदूरी और ढाई लाख रुपए का अर्थदंड कुल पांच लाख रुपए तुरंत अदा करना होगा।
न्यायालय का निर्णय और संदेश
इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि न्याय का पहिया किसी भी स्थिति में रुकता नहीं है, और किसी भी व्यक्ति के हक में गलत तरीके से कटौती करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के लिए एक सख्त संदेश है कि वे अपने दायित्वों को ईमानदारी से निभाएं और किसी भी मामले में देरी ना करें।