- लखनऊ के राजभवन में आयोजित फल, पुष्प एवं शाकभाजी प्रदर्शनी में बहराइच रहा अव्वल
Bahraich stood first in the fruit, flower and vegetable exhibition organized at Raj Bhavan, Lucknow : लखनऊ। लखनऊ के राजभवन में आयोजित फल, पुष्प एवं शाकभाजी प्रदर्शनी में बहराइच अव्वल रहा। प्रदर्शनी में बहराइच के किसान गुलाम मोहम्मद को गोल बेर में प्रथम एवं लम्बे बेर में द्वितीय, फरीद अहमद को लम्बे बेर में तृतीय, लालता प्रसाद को केला में द्वितीय, श्री राम प्रवेश मौर्य को गमलों में शाकभाजी की खेती पर प्रथम एवं द्वितीय तथा श्रीमती देवकी वर्मा को शिमला मिर्च में द्वितीय स्थान मिलने पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री के द्वारा सम्मानित किया गया। मिनी एक्सीलेन्स सेन्टर प्रभारी आरके वर्मा के नेतृत्व में किसानों ने बेहतर प्रदर्शन किया, जिसके चलते खूब सराहना हुई।
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आपको बताते चलें कि राजभवन में आयोजित फल, पुष्प एवं शाकभाजी प्रदर्शनी में जनपद बहराइच कृषकों द्वारा लगाये गये औद्यानिक उत्पादों की प्रतियोगिता में प्रदेश स्तर पर श्री गुलाम मोहम्मद को गोल बेर में प्रथम एवं लम्बे बेर में द्वितीय, श्री फरीद अहमद को लम्बे बेर में तृतीय, श्री लालता प्रसाद को केला में द्वितीय, श्री राम प्रवेश मार्य गमलों में शाकभाजी की खेती पर क्रमशः प्रथम एवं द्वितीय तथा श्रीमती देवकी वर्मा को शिमला मिर्च में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त श्री आरके वर्मा, प्रभारी मिनी एक्सीलेन्स सेन्टर, बहराइच को पोमैटो की निर्णायक मण्डल द्वारा सराहना की गई।
राजभवन प्रांगण में शनिवार को प्रदेश की राज्यपाल एवं प्रदेेश के मुख्यमंत्री के द्वारा औद्यानिक फसलों के उत्पादन में संयुक्त रूप उद्यान मंत्री की उपस्थिति में सम्मानित किया गया। वर्तमान में श्री गुलाम मोहम्मद कृषि में पूर्णता विविधीकरण अपनाकर औद्यानिक फसलों में केला, बेर ताईवान पिंक अमरूद, आलू, रंगीन तरबूज, खरबूजा की खेती करने के साथ ही मुर्गी पालन, मछली पालन कर रहे है। अपने यहाॅं उत्पादित केला को अपने स्थापित केला राइपनिंग चैम्बर में पकाकर बिक्रय करते है। श्री गुलाम मोहम्मद का केला भारत के कोने-कोने में जाता है। विगत वर्ष श्री गुलाम मोहम्मद का केला लुलु माल एवं गुजरात के देसाई गु्रप द्वारा खेत पर ही पैकिंग कराकर विदेशों में निर्यात किया गया था।
श्री गुलाम मोहम्मद इससे पूर्व नगर पंचायत जरवल, बहराइच में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर कार्यरत थे। वर्तमान में इनके द्वारा नगर पंचायत की सेवा से त्यागपत्र दे दिया है। वर्ष 2000 में श्री गुलाम मोहम्मद के द्वारा 350 केला टिश्यू कल्चर के जलगाॅव, महाराष्ट्र से मगाॅकर उद्यान विभाग द्वारा दिये थे। जिसका परिणाम बहुत ही सकारात्मक रहा।
- प्रदर्शनी में बहराइच के किसान गुलाम मोहम्मद को गोल बेर में प्रथम एवं लम्बे बेर में द्वितीय, फरीद अहमद को लम्बे बेर में तृतीय, लालता प्रसाद को केला में द्वितीय, श्री राम प्रवेश मौर्य को गमलों में शाकभाजी की खेती पर प्रथम एवं द्वितीय तथा श्रीमती देवकी वर्मा को शिमला मिर्च में द्वितीय स्थान मिलने पर किया गया सम्मानित
वर्ष 2000 में गुलाम मोहम्मद के पास मात्र 01.00 एकड़ कृषि योग्य भूमि थी। आज इनके पास स्वयं की 20.00 एकड़ जमीन है। इसके अतिरिक्त इनके द्वारा करीब 15.00 एकड़ जमीन पर खेती लीज/किराये पर लेकर की जा रही है।
श्री गुलाम मोहम्मद द्वारा विगत वर्ष के 7.20 हैक्टर क्षेत्रफल में केला टिश्यू कल्चर प्रजाति-.ग्रेण्डनैन तथा कश्मीरी एप्पल बेर 1.10 हे0, ताईवान पिंक अमरूद 0.80 हे0, संकर कलरफुल तरबूज व खरबूजा 2.40 है0 तथा 1.20 हे0 में संकर टमाटर की खेती की जा रही है। श्री गुलाम मोहम्मद द्वारा अपने सभी फसलों की सिंचाई ड्रिप पद्धति (माइक्रोइरीगेशन) के द्वारा की जा रही है।जिससे प्रति इकाई लागत में काफी कमी आई है।
इनके द्वारा अपने केला का विक्रय दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, जम्बू-कश्मीर के व्यापारियों को अपने खेत पर रू0-2150.00 प्रति कुन्तल की दर से बिक्रय किया गया। इसी तरह तरबूज का उत्पादन 176.00 कु0 प्रति हे0 कुल 422.40 कुन्तल संकर तरबूज का रिकार्ड उत्पादन प्राप्त किया। जिसे इन्होने गोण्डा, लखनऊ के व्यापरियों को खेत पर रू0-1500.00 प्रति कुन्तल की दर से विक्रय किया गया। इसके अलावा कश्मीरी एप्पल बेर, ताईवान पिंक अमरूद तथा संकर टमाटर की खेती से अच्छी आय प्राप्त हो रही है।
पूरे वर्ष में इन्हें औद्यानिक फसलों से कुल रू0-7055650.00 शुद्व लाभ प्राप्त हुआ। साथ ही साथ गर्म क्षेत्र में उत्पादित होने वाले अन्ना, डोरसेट गोल्डेन सेब के पौध का भी रोपण किया गया है। जिससे आने वाले समय में अच्छी आय प्राप्त होने की सम्भावना है।
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