- बहराइच में कतर्निया घाट के प्रधान बंगला में आधी रात को पिंजरे में कैद हुआ उत्पाती तेंदुआ
- स्वास्थ्य परीक्षण के लिए तेंदुआ लाया गया कतर्निया घाट, जांच के बाद ट्रांस गेरुआ के जंगलो में छोड़ा जा सकता है तेंदुआ
उवेश रहमान : बहराइच। यूपी के बहराइच जिले में स्थित कतर्निया घाट सेंक्चुरी के धर्मापुर रेंज में स्थित गांव के आसपास बीते कई दिनों से एक तेंदुआ उत्पात मचा रहा था। तेन्दुए को पकड़ने के लिए वन विभाग की ओर से पिंजरा लगाया गया था, प्रधान बंग्ला गांव के निकट लगे पिंजरे में रात में शिकार की फिराक में घूम रहा तेंदुआ अचानक फंस गया। पिंजरे में कैद हुए तेंदुए को वन विभाग के अधिकारी सुबह ट्रांसगेरुआ क्षेत्र में कतर्निया घाट रेंज लाए हैं, स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उच्चाधिकारियों के निर्देश पर तेन्दुए को ट्रांस गेरूआ के जंगलों में छोड़ा जा सकता है। तेंदुए के पिंजरे में कैद होने के बाद धर्मापुर क्षेत्र के गांव के लोगों ने राहत की सांस ली है। पिंजरे में कैद हुआ तेंदुआ मादा बताया जा रहा है।
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आपको बताते चलें कि कतर्निया घाट सेंक्चुरी के धर्मापुर रेंज में स्थित प्रधान बंग्ला एवं आसपास के गांव में बीते कई दिनों से एक तेंदुआ लगातार ग्रामीण और मवेशियों पर हमला कर रहा था। जिसके चलते गांव के लोग काफी दहशत में थे, लोग खेत खलिहान को भी जाने से डर रहे थे। इधर कुछ दिनों से तेंदुए का हमला और भी बढ़ गया था।
ग्रामीणों में दहशत देखकर वन विभाग की ओर से तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया गया था, रात में प्रधान बंग्ला गांव के पास लगे पिंजरे में शिकार की फिराक में घूम रहा तेंदुआ अचानक फंस गया। सुबह जब नित्य क्रिया के लिए गांव के लोग घरों से निकले तो गांव के बाहर लगे पिंजरे से गुर्राहट की आवाज सुनाई पड़ी। गांव के लोग हिम्मत करके पिंजरे के पास पहुंचे तो पिंजरे में तेन्दुए को फंसा देखा। तत्काल ग्रामीणों ने सूचना वन विभाग को दी। पिंजरे में तेंदुए के कैद होने की सूचना पाकर धर्मापुर के प्रभारी रेंजर रत्नेश यादव, डिप्टी रेंजर सत्य प्रकाश वर्मा, वनरक्षक सुनील कुमार और वाचर राम सहारे तथा बरसाती लाल मौके पर पहुंचे।
तत्काल उच्चाधिकारियों को सूचना देकर पिंजरे में कैद हुए तेंदुए को कतर्निया घाट रेंज ले जाया गया है। वन विभाग के जिम्मेदारों ने बताया कि प्रथम दृष्टया तेंदुआ के मादा होने का पता चल रहा है, उम्र लगभग दो साल के आसपास है, हालांकि चिकित्सकों की टीम को बुलाया गया है, स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही सही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद कैद हुई मादा तेंदुआ को ट्रांस गेरुआ के जंगलों में छोड़ा जा सकता है।
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