- नीदरलैंड के मंदिर में स्थापित होगी काशी में बनी श्रीरामलला की मूर्ति
- दस सहयोगियों के साथ मूर्तिकार कन्हैया ने दो माह में तैयार की 5.10 फीट की प्रतिमा
- अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, बेल्जियम, जर्मनी और इटली के मंदिरों में भी स्थापित होगी प्रभु राम लला की प्रतिमा
The idol of Shri Ram Lalla made in Kashi will be installed in the temple of Netherlands : वाराणसी। अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद दुनियाभर में मूर्तिकार कन्हैया की ख्याति बढ़ी है। यही वजह है कि भारत ही नहीं विदेशों में भी रामलला की प्रतिमा स्थापित होने का सिलसिला शुरू हो गया है। पहली प्रतिमा नीदरलैंड के हनुमान मंदिर में लगेगी। इसके बाद जर्मनी, इटली, अमेरिका, कनाडा, बेल्जियम, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया में प्रभु श्रीरामलला की काशी में बनी प्रतिमा स्थापित करने की तैयारी है।
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आपको बताते चलें कि नीदरलैंड में स्थापित की जाने वाली प्रतिमा अयोध्या में स्थापित की गयी प्रभु श्रीरामलला के बाल रूप का ही प्रतिरूप है। यह प्रतिमा ब्लैक ग्रेनाइट से ही बनी है। इसी माह इस पहली प्रतिमा की अयोध्या में पूजा होगी और इसके बाद नीदरलैंड में इसे विधि विधान से वैदिक मंत्र उपचार के बीच स्थापित किया जाएगा। ढेलवरिया स्थित मूर्ति कारखाने में मूर्तिकार कन्हैयालाल शर्मा ने 10 सहयोगियों के साथ इस प्रतिमा को तैयार किया है। काशी में 5.10 फीट की प्रभु श्रीरामलला की यह प्रतिमा दो माह में बनकर तैयार हुई है।
इंटरनल ब्लिस फाउंडेशन के डायरेक्टर राहुल मुखर्जी ने बताया कि श्रीरामलला की इस प्रतिमा की पहले अयोध्या में पूजा होगी। इसके बाद नीदरलैंड में हनुमान मंदिर में इसे स्थापित किया जाएगा। मूर्तिकार कन्हैयालाल ने बताया कि अयोध्या में श्रीरामलला की प्रतिमा स्थापित होने के बाद हमारी इच्छा थी कि वैसी ही प्रतिमा बनाएं। इसी बीच इसका ऑर्डर मिल गया।
संस्था के संस्थापक स्वामी अखंड सम्राट आनंद महाराज के सानिध्य में विश्व के कई देशों में श्रीरामलला की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इसमें नीदरलैंड के बाद जर्मनी, इटली, अमेरिका, कनाडा, बेल्जियम, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में प्रतिमा को स्थापित करने की तैयारी है। राहुल मुखर्जी ने बताया कि 24 इंच की भी श्रीरामलला की प्रतिमा बनाई जाएगी। रुद्राभिषेक के लिए इस प्रतिमा का विग्रह बनाया जाएगा।
गौरतलब हो कि कन्हैयालाल शर्मा की तीन पीढ़ियां इस पेशे में लगी हैं। उनके दादा महादेव प्रसाद बड़े मूर्तिकार थे। उन्होंने इंडिया गेट पर छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा, जॉर्ज पंचम, दरभंगा नरेश आदि की प्रतिमाएं बनाई हैं। कन्हैयालाल के पिता ओंकारनाथ ने भी इस विरासत को संभाला। कन्हैयालाल ने इंग्लैंड की महारानी के अलावा अन्य विदेशियों की प्रतिमाएं भी बनाई हैं।