- कैसे वायरल हुई रामलला की तस्वीर किसने खोली आंखे इसकी होगी जांच : सतेंद्र दास

अयोध्या। अयोध्या में श्रीराम मंदिर की मूर्ति की तस्वीरें 24 घंटों से काफी वायरल हो रही हैं। रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी। इस मूर्ति काे अभी खाेला नहीं गया है। लेकिन एक तस्वीर बार बार सामने आ रही है कि उनके नेत्र खुले हैं। इस पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले आंखों को खोला नहीं जा सकता। जिस मूर्ति का चयन हो जाता है। उस मूर्ति की आंखें बंद कर दी जाती हैं। उनकी आंखों को ढक दिया जाता है। जो तस्वीर दिखाई दे रही है वो मूर्ति है ही नहीं।
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मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास (श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र) ने कहा कि मूर्ति स्थापित हो गई है लेकिन प्रतिमा के नेत्र को अभी खोला नहीं गया है। उन्होंने कहा कि रामलला की मूर्ति को कपड़े से ढक दिया गया है। सत्येंद्र दास ने कहा कि ऐसी तस्वीर मिल नहीं सकती और अगर ऐसी तस्वीर है तो उसकी जांच होगी। ये जांच होगी कि मूर्ति की आंखें किसने खोली और ये तस्वीर कैसे वायरल हो गई। मंदिर के मुख्य पुजारी का कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए सारे कार्य होंगे, लेकिन नेत्र नहीं खुलेंगे। इस समय कर्म कांड किए जा रहे हैं।
प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पंचम दिवस : शर्कराधिवास फलाधिवास संग रामलला का 81 कलशों के औषधीय जल से हुआ संस्कार
विग्रह को जल अर्पित किया किया जाना ही सर्पण संस्कार होता है। पिंडिकाधिवास, पुष्पाधिवास व सायंकाल आरती के साथ भगवान को उनके सिंहासन पर बैठाने के साथ पांचवें दिन का प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पूर्ण किया गया। शनिवार को विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार व काशी के उद्यमी सूर्यकांत जालान भी प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में यजमान की भूमिका में शामिल हुए। एक अन्य यजमान विहिप के अध्यक्ष डा. आरएन सिंह अयोध्या पहुंच गए है।
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार व काशी के उद्यमी सूर्यकांत जालान भी हुए शामिल
बता दे कि 20 जनवरी से अस्थायी गर्भगृह में भगवान रामलला का दर्शन बन्द कर दिया गया है। अब 23 जनवरी से दोबारा दर्शन आरंभ होगा। लेकिन नवनिर्मित भव्य दिव्य राममंदिर में। वैकल्पिक गर्भगृह में विराजमान रामलला को नवर्निर्मित राममंदिर के गर्भगृह में स्थानांतरित किया जाएगा।इसके लिए स्वर्ण मंडित आधार तैयार किया गया है। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पहले ही यह घोषणा की थी कि रामलला विराजमान को गर्भगृह में प्रतिष्ठित किया जाएगा। रामलला विराजमान का विग्रह वही है, जो 22-23 दिसंबर 1949 की मध्यरात्रि जन्मभूमि पर प्रकट हुआ था। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने से पहले जन्मभूमि पर भगवान मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर में थे।
रामलला को समर्पित हुआ पीओके के तीन नदियों का जल
प्राण प्रतिष्ठा पर रामलला के अभिषेक के लिए देशभर से पवित्र जल एकत्र किया गया है। इसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पीओके से तीन नदियों का जल लाया गया है। बेंगलुरु (कर्नाटक) के रहने वाले जैव शारदा कमेटी के सक्रिय सदस्य मंजूनाथ शर्मा ने तीनों पवित्र नदियों का जल को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपा।
अस्थाई मंदिर बंद, पुजारी ने नए मंदिर में किया दर्शन
शनिवार को सुबह की उत्थान आरती के बाद रामलला के पुजारी संतोष तिवारी राम मंदिर गए। अस्थाई मंदिर बंद है और काम भी कुछ कम है। इसलिए वे वक्त निकालकर मंदिर के दर्शन करने पहुंचे। 22 जनवरी के बाद से संतोष नए मंदिर में भगवान का पूजन करेंगे। संतोष 1992 से रामलला के पुजारी हैं। बाबरी विध्वंस के समय भी रामलला की रक्षा में मौजूद थे।
सरकार के सभी मंत्री भव्य समारोह में शामिल नहीं होंगे
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक फरवरी को सीएम योगी के नेतृत्व में सभी मंत्री अयोध्या जाकर राममंदिर, हनुमान गढ़ी पहुँच कर दर्शन पूजन करेंगे, 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के भव्य समारोह में सरकार के सभी मंत्री भव्य समारोह में शामिल नहीं होंगे, उसके बाद एक फरवरी को प्रदेश सरकार के मंत्रीगण जाएंगे।
आज से अयोध्या में बाहरी लोगों का नहीं होगा प्रवेश
अयोध्या में आज से बाहरी लोगों का प्रवेश नहीं होगा। अयोध्या में प्रवेश के लिए निमंत्रण पत्र जरुरी होगा। केवल निमंत्रण पत्र पर ही अयोध्या में प्रवेश मिल सकेगा। निमंत्रण पत्र पर बार कोड के माध्यम से ही एंट्री होगी।
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