- जंगल पर निर्भरता कम करने के लिए युवाओं को रोजगार से जोड़ेगी न्यूज संस्था
UPKeBol : उवेश रहमान : बिछिया : बहराइच। कतर्नियाघाट सेंक्चुरी से सटे गांव के लोगों की जंगल पर निर्भरता कम करने के लिए गांव के युवाओं को न्यूज संस्था रोजगार से जोड़ेगी। बेरोजगार युवा ग्रामीण क्षेत्रों से हल्दी खरीदकर पैकेजिंग कर बाजार में बेचकर अच्छी आय अर्जित कर सकेंगे। न्यूज संस्था की पहल पर प्रोजेक्ट मैनेजर एवं बेयोलॉजिस्ट युवाओं को हल्दी पैकेजिंग के टिप्स देंगे।
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कतर्नियाघाट वन्य जीव अभ्यारण्य 551 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। वन्यजीवों के साथ जंगल की प्राकृतिक छटा लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। जंगल से सटे गांवों में आये दिन मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाएं देखने को मिलती है। इसका कारण जंगल से सटे गाँव के लोगों द्वारा अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए अधिकतर मामलों में जंगल पर निर्भरता है।
जंगल पर निर्भरता के चलते आये दिन बाघ, तेंदुए एवं हाथी द्वारा हमले की घटनाएं होती रहती है। इन सबके बीच ग्रामीणों की जंगल पर निर्भरता कम करने के लिए न्यूज़ संस्था ने एक नई पहल शुरू की है, जिसमे तहत गाँव के युवाओँ को रोजगार से जोड़ने के लिए गुर सिखाए जाएंगे। संस्था की इस पहल से गांव युवाओँ को गांव में ही जीविकोपार्जन का सहारा मिल जाएगा।
न्यूज संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक व बायोलाजिस्ट सितांशु दास ने बताया सबसे ज्यादा हल्दी का उत्पादन करने वाले गांव भवानीपुर में किसानों और युवाओँ से मिलकर हल्दी उत्पादन कर उसे पैकेजिंग कर मार्केट में किस तरह उसे बेचा जाएं इस पर चर्चा की गयी। इसके साथ ही थारू बाहुल्य गाँव, फ़क़ीरपुरी, बर्दिया, बिशुनापुर, रमपुरवा, मटेही गांव के युवाओँ से मिलकर उन्हें गांव में ही रोजगार मुहैया कराने पर चर्चा हुई है।
प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक ने बताया कि भवानीपुर, आम्बा, बिशुनापुर गाँव मे किसानों से आर्गेनिक खेती करने के लिए कहा गया है। इन सभी गाँव मे जँगली हाथी फसलो को नुकसान पहुंचाते हैं। नुक्सानस्वरूप जो हल्दी की फसलें बच जाती है उन्हें गांव के ही युवाओँ के जरिये हल्दी पिसवाकर उसे पैकेजिंग कर मार्केट में सप्लाई करने का काम करेंगे।
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