- बहराइच में बारूद के ढेर पर संचालित हो रहे होटल: आखिर कब जागेगा प्रशासन?
- अग्निशमन विभाग भी दिख रहा है बेबस
बहराइच। बहराइच में ग्राहकों की सुरक्षा से खिलवाड़ हो रहा है, कई होटल और रेस्टोरेंट्स बिना फायर विभाग की एनओसी (No Objection Certificate) के संचालित हो रहे हैं। यह स्थिति ग्राहकों की सुरक्षा को सीधे-सीधे खतरे में डाल रही है। जर्जर भवनों में चल रहे ये होटल किसी भी वक्त बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं।
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अधिकारियों की उदासीनता और होटल संचालकों की लापरवाही
बिना अनुमति चल रहे होटल : बहराइच शहर के अधिकांश होटलों ने फायर सेफ्टी के लिए जरूरी एनओसी नहीं ली है।
प्रशासन की अनदेखी : शिकायतों के बावजूद अधिकारी गंभीरता से जांच नहीं कर रहे।
अधूरी सुरक्षा व्यवस्था : होटल में फायर सिलेंडर तो लगे हैं, लेकिन इन्हें इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण किसी ने नहीं लिया।
खतरनाक इलाके में स्थित हैं होटल : बहराइच शहर के घण्टाघर से पीपल तिराहे तक के इलाके में संचालित होटल सबसे अधिक जोखिमपूर्ण हैं।
प्रमुख कारण:
- जर्जर और पास-पास स्थित इमारतें।
- भीड़भाड़ और संकरी सड़कें।
- फायर ब्रिगेड की गाड़ी के लिए पानी का कोई वैकल्पिक स्रोत नहीं।
फायर सेफ्टी के मानकों की अनदेखी:
सरकार ने होटलों के लिए निम्नलिखित सुरक्षा मानक तय किए हैं, लेकिन इन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है:
- – होटल के चारों ओर खुला स्थान (सेट बैक) होना चाहिए।
- – चौड़ी और ढलानयुक्त सीढ़ियां।
- – फायर अलार्म और होजरील सिस्टम।
- – सालाना फायर यंत्रों की जांच का प्रमाण पत्र।
- – आकस्मिक बाहरी सीढ़ियां और एयर पासिंग के लिए खिड़कियां।
- – होटल तक फायर ब्रिगेड के लिए आसान पहुंच।
कैसे होता है एनओसी का दुरुपयोग?
कुछ होटल संचालक पुराने और एक्सपायर हो चुके एनओसी प्रमाण पत्र को दिखाकर ग्राहकों और अधिकारियों को गुमराह करते हैं।
प्रशासन की जिम्मेदारी और कार्रवाई का अभाव
हाल ही में हुई शिकायतों पर सीएफओ विशाल रामानुज गौड़ ने जांच की बात कही थी। लेकिन जांच से पहले ही होटल संचालकों को इसकी खबर मिल गई, और मामला दबा दिया गया।
सावधानी और सुरक्षा के उपाय
प्रशासन के लिए:
– सभी होटलों की फायर सेफ्टी जांच नियमित रूप से की जाए।
– बिना एनओसी के होटलों को तत्काल बंद किया जाए।
– जनहित को नजरअंदाज कर संचालित होटलों की शिकायतों पर गंभीरता से कार्रवाई हो।
होटल संचालकों के लिए:
– कर्मचारियों को फायर उपकरणों का प्रशिक्षण दिलाएं।
– हर साल फायर सिलेंडर और अन्य यंत्रों की जांच करवाएं।
– इमारतों की मरम्मत और सुरक्षा मानकों का पालन करें।
होटल और रेस्टोरेंट संचालकों की लापरवाही और प्रशासन की अनदेखी एक बड़ी दुर्घटना को न्योता दे रही है। यदि जल्द ही कड़े कदम नहीं उठाए गए, तो यह लापरवाही सैकड़ों जानों पर भारी पड़ सकती है। अब समय है कि प्रशासन और होटल संचालक दोनों अपनी जिम्मेदारियों को समझें और सुरक्षा को प्राथमिकता दें।