State wide strike of teachers against online attendance : बहराइच/लखनऊ। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ ने जनपद के 14 विकास खंडों के खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर शुक्रवार को महानिदेशक स्कूल शिक्षा के असंवैधानिक एवं मनमानीपूर्ण आदेशों के खिलाफ प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर धरना देकर प्रदर्शन किया। धरने में भारी संख्या में शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशकों ने अपना समर्थन व्यक्त कर प्रतिभाग किया। शिक्षको ने ऑनलाइन अटेंडेंस शिक्षकों एवं छात्रों का लिए जाने का विरोध करते हुए कहा यह कतई व्यवहारिक नहीं है। शिक्षक समस्याओं के हल न होने एवं महानिदेशक स्कूली शिक्षा द्वारा शिक्षकों को बेवजह परेशान करने के विरुद्ध मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से भेजा गया। प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने मांग की है कि शिक्षकों की समस्याओं का अविलंब हल किया जाए। बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की बैठक में पारित प्रस्ताव के आधार पर ही कार्य किया जाए। महानिदेशक स्कूली शिक्षा के विवादित आदेशों पर रोक लगाई जाए।
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यूपी के बहराइच जिले में जिला अध्यक्ष विद्या विलास पाठक की अगुवाई में खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय चितौरा पर धरना प्रदर्शन हुआ। शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा जिला अध्यक्ष विद्या विलास पाठक ने कहा कि विभाग एक अधिकारी के मनमाने रवैये से पीड़ित हो रहा है विभाग में नियम बनाने संशोधित करने आदि का अधिकार बेसिक शिक्षा परिषद का है परंतु विगत पांच वर्षों से बेसिक शिक्षा परिषद को अस्तित्वहीन कर दिया गया है। और मात्र एक अधिकारी अपने मनमाने आदेश से शिक्षकों का उत्पीड़न कर रहा है।
जिला अध्यक्ष श्री पाठक ने कहा बहराइच समेत प्रदेश के स्कूलों में समय पर न किताबें पहुंचती हैं, न ही शिक्षक शिक्षण कार्य कर पा रहे हैं। 2015 के बाद से पदोन्नति नहीं हुई। प्रोन्नत वेतनमान नहीं दिए जा रहे हैं। पुरानी पेंशन बहाल नहीं की जा रही। शिक्षकों को कैशलेस की सुविधा नहीं दिया जा रहा है। वेतन विसंगतियों को दूर नहीं किया जा रहा है। शिक्षकों को शिक्षण के अतिरिक्त अन्य कार्यों में लगाया जा रहा है। जिलों के अंदर ट्रांसफर, जिले के बाहर के ट्रांसफर, पारस्परिक ट्रांसफर का कोई शेड्यूल नहीं है। 1 वर्ष से पदोन्नति की जा रही है, लेकिन अभी तक हो नहीं पाई। कई शिक्षक हमारे बिना पदोन्नति पाए सेवानिवृत हो गए। परंतु इस सब पर कार्य न करके, शिक्षकों को कामचोर साबित करने का प्रयास किया जा रहा है।
जिला अध्यक्ष श्री पाठक ने कहा कि जबकि शिक्षकों के द्वारा डीबीटी, ऑनलाइन नामांकन, परिवार सर्वेक्षण, बाल गणना, सरल, समर्थ, दीक्षा, निष्ठा आदि जैसे 50 एपों पर अपने निजी मोबाइल से कार्य किया जा रहा है। सरकार न उसके लिए धन देती है न ही सिम खरीदने का कोई धनराशि उपलब्ध कराती है, और तो और जो टैबलेट दिए जा रहे हैं उसमें शिक्षकों को उत्पीड़ित करते हुए कहा जा रहा है कि वह अपने नाम से सिम खरीद कर लगाए।
जिला अध्यक्ष विद्या विलास पाठक ने कहा संगठन अब ऐसे सभी कार्यों का विरोध करेगा और अगर शिक्षकों की समस्याओं का हल नहीं किया गया तो शिक्षक जो कार्य अपने निजी मोबाइल से कर रहे हैं वह सभी कार्य करना बंद कर देंगे और उन एप को अनइनस्टॉल कर देंगे।
श्री पाठक ने कहा की ऑनलाइन हाजिरी में शिक्षिकाओं एवं बालिकाओं का फेस लिया जाएगा। अगर कोई साइबर क्राइम की घटना होती है तो इसके लिए क्या वह अधिकारी जिम्मेदारी लेंगे?
उन्होंने कहा की शिक्षक देश का सभ्य नागरिक है। वह प्रेरणा देने का काम करता है। उसको कामचोर ठहराने की जो मंशा महानिदेशक की है वह बहुत ही निंदनीय है। शिक्षक देश में प्रेरणा भरता है एवं सभ्य नागरिक बनाने में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। हमें याद रखना चाहिए ।शिक्षकों को अपमानित करने से देश आगे नहीं बढ़ेगा। समाज शिक्षकों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा। शिक्षक समाज को जागरूक करेगा कि कौन से लोग उनके लिए अच्छे हैं और कौन से लोग बुरे हैं ।
मंडलीय ऑडिटर एवं मंत्री विकासखंड चित्तौरा भूपेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव व कोषाध्यक्ष अनीस अहमद ने कहा की शिक्षक का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। प्रदेश से जो भी निर्देश मिलेंगे उसका पालन किया जाएगा। शिक्षक एक सभ्य एवं जागरूक प्राणी है, वह शिक्षण का कार्य करता है उससे अतिरिक्त काम लिया जाना या उसे बदनाम करना देश के साथ विश्वास घात है।
शिक्षक संघ की जिला पदाधिकारी प्रतिमा पांडे ने कहा कि महिलाओं की अस्मिता की रक्षा हर हाल में संगठन करेगा। ऑनलाइन फेस रीडिंग अटेंडेंस का बहिष्कार करते हैं बालिकाओं एवं महिलाओं की सुरक्षा का उत्तरदायित्व सरकार व विभाग का है हम शिक्षकों को प्रताड़ित करने वाले हर आदेश का विरोध करेंगे।
कार्यालय सहायक अजय कुमार ने कहा की सरकार के सभी कार्यों को हम लोग पूरे मनोयोग से करते हैं सरकार हमारा उत्पीड़न कर रही है। मृतक आश्रित शिक्षक बनने का रास्ता भी बंद कर दिया है।
धरने में मोहित प्रशांत मिश्रा, अंकुर श्रीवास्तव, अजय पांडे, अरुण विश्वकर्मा, गोविंद नारायण और पवन कुमार सहित सैकड़ों की संख्या में शिक्षक शिक्षिका उपस्थित रहे। राष्ट्रगान के साथ धरना समाप्त हुआ
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