Opposition to Online Presence : बहराइच। सरकार के ऑनलाइन उपस्थिति के खिलाफ कल 21 नवंबर तक हर हालत में शिक्षकों को सहमति पत्र भरना होगा। उसी के अनुरूप प्रांतीय नेतृत्व आगे के संघर्ष की रूपरेखा तय करेगा। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ ने 1 दिसंबर को खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर धरना देने की मुहिम की तेज कर दी है, उसी के तहत 21 तारीख को शिक्षकों से हड़ताल पर जाने का सहमत पत्र लेने की अंतिम डेट निर्धारित किया है। शिक्षकों से कहा गया है की हड़ताल पर जाने के लिए कल 21 नवंबर तक हर हालत में सहमति पत्र भरें जिससे प्रांतीय नेतृत्व आगे के संघर्ष की रूपरेखा तय कर सके।
उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के अध्यक्ष विद्या विलास पाठक ने कहा कि प्रांतीय नेतृत्व के निर्देश के क्रम में जनपद के सभी 14 विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर 1 दिसंबर को विभाग द्वारा जारी पत्र के विरोध में धरना दिया जाएगा। साथ ही शिक्षक को जब तक पर्याप्त संसाधन नहीं दिए जाएंगे तब तक वह अपने मोबाइल से किसी प्रकार की हाजिरी नहीं देगा।
अध्यक्ष श्री पाठक ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली व अन्य समस्याओं के लिए शिक्षक संघ लगातार मांग कर रहा है, पर सरकार इस पर ध्यान न देते अपनी योजनाओं के प्रचार प्रसार में शिक्षकों को लगा रही है। विद्यालय में छात्र संख्या कम होने पर अध्यापकों को उत्तरदाई ठहराया जा रहा है, जो घोर आपत्तिजनक है।
अध्यक्ष श्री पाठक ने कहा सरकार द्वारा अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजी जा रही है अगर अभिभावक धनराशि प्राप्त करने के बाद यूनिफॉर्म नहीं खरीदता है और बच्चों को भी भेजना बंद कर देता है। तो इसके लिए शिक्षक को उत्तरदाई नहीं माना जा सकता।
श्री पाठक ने बताया कि सभी विकासखंड अध्यक्षो को निर्देश दिए जा चुके हैं कि वह 21 तारीख को वृहद रूप से अभियान चलाकर ऑनलाइन उपस्थिति के खिलाफ (Opposition to Online Presence) शिक्षकों से हड़ताल पर जाने के लिए सहमति पत्र- प्राप्त करें। इसी के आधार पर संगठन निर्णय लेगा और आर पार की लड़ाई लड़ेगा।
प्रांतीय संयुक्त मंत्री सिराजुद्दीन न्यूटन ने कहा कि पूरे प्रांत के 824 विकास खंडो पर 1 दिसंबर को धरना दिया जाएगा और सभी अन्य शिक्षक संगठनों से भी अपील की गई है कि वह इस धरने में सहयोग करें शिक्षक हित ही सर्वोपरि है।
जिला महामंत्री प्रवीण श्रीवास्तव ने बताया, सरकार की ओर से जारी यह मनमानी पूर्ण आदेश शिक्षकों का उत्पीड़न करते हैं हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते। यह शिक्षक के गुणवत्ता को भी प्रभावित करते हैं। उन्होंने सभी शिक्षकों से अपील की है कि सभी शिक्षक अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष कर धरने को सफल बनाएं।
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