- 8 साल की पैदल यात्रा कर स्विट्जरलैंड से रामलला के दरबार पहुंचे 32 वर्षीय बेन
अयोध्या। प्रभु श्रीराम लला के दर्शन की ललक ऐसी कि एक रामभक्त 8 साल की पैदल यात्रा कर स्विट्ज़रलैंड से अयोध्या पहुंच गया। रामभक्त बेन ने बुधवार को पुण्य सलिला मां सरयू के पवित्र जल में स्नान करने के बाद श्रीरामलला और हनुमानजी का दर्शन पूजन किया। स्विट्ज़रलैंड के रहने वाले 32 वर्षीय बेन मंगलवार को शाम अयोध्या पहुंचे।
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आपको बता दे कि स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा शहर के रहने वाले बेन वर्ष 2015 में स्विट्ज़रलैंड से पैदल ही भारत की यात्रा पर निकले थे। धार्मिक परिवार से जुड़े बेन का कहना है कि जब वह घर से निकले थे तब उनकी उम्र 24 वर्ष थी। सनातन धर्म और हिंदू देवी देवताओं के प्रति गहरी आस्था रखने वाले बेन ने बताया कि उनके मन में था कि वह अयोध्या समेत भारत में स्थित विभिन्न मंदिरों में जाकर भगवान का दर्शन करेंगे।
स्विट्ज़रलैंड से आस्ट्रिया होते हुए वह पाकिस्तान पहुंचे और फिर वाघा बॉर्डर से भारत में दाखिल हुए। उन्होंने भारत के विभिन्न शहरों में स्थित मंदिरों में पहुंचकर दर्शन पूजन किया है। अब तक वह जम्मू कश्मीर, अमृतसर, चंडीगढ़ हिमाचल प्रदेश, हरियाणा व उत्तराखंड के हरिद्वार तक की यात्रा कर चुके हैं। स्विस नागरिक बेन ने कहा कि भारत के लोग बहुत अच्छे हैं। इंडिया में मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई। प्रभु श्रीराम की कृपा से मुझे खाने पीने और विश्राम करने में कोई दिक्कत नहीं हुई।
इंडिया के उत्तर प्रदेश में पहुंचकर अयोध्या में प्रभु श्रीराम का दर्शन करके तो मेरा जीवन सफल हो गया। उन्होंने कहा इंडिया के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जितनी सराहना की जाए कम है। प्रभु श्रीराम का मंदिर बनाने में अहम योगदान है। बेन उर्फ अहिंसक बुधवार को सरयू नदी में स्नान करके प्रभु श्रीराम और हनुमान जी महराज समेत अन्य मंदिरों में पूजा अर्चना करेंगे।
स्विस नागरिक बेन ने बताया कि उनके पिता सोमास स्विट्जरलैंड में फिजिक्स के टीचर हैं। मां सरस्वती गिरि योगा टीचर हैं। मां भारतीय मूल की हैं, इसलिए पूरा परिवार सनातन धर्म को मानता है। बड़े भाई जोनस भी योगाश्रम में रहते हैं। सभी लोग धार्मिक विचारधारा से जुड़े हुए हैं।
भारत पहुंचने पर बेन ने अपना नाम भी बदल लिया है और नया नाम अहिंसक रख लिया है। इस नाम का अर्थ भी वह बखूबी बताते हैं। वह कहते हैं कि सनातन धर्म अहिंसा का संदेश देता है इसलिए यह नाम उन्हे अच्छा लगा। बेन उर्फ अहिंसक हिंदी भी बोल लेते हैं।
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