- बहराइच के कतर्नियाघाट में जंगली हाथियों का आतंक: तीन घर तबाह, लोग जान बचाकर भागे… देखें Video
उवेश रहमान
बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के कतर्नियाघाट इलाके में जंगली हाथियों का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। जंगल से सटे गांवों में जंगली जानवरों का आना-जाना आम बात है, लेकिन रविवार की रात एक जंगली टस्कर हाथी ने जो उत्पात मचाया, उसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी। इस घटना में तीन घर पूरी तरह से तहस-नहस हो गए, और लोग अपनी जान बचाने के लिए भागने पर मजबूर हो गए।
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जंगली हाथी का कहर: तीन घर तहस-नहस
कतर्नियाघाट रेंज के ग्राम पंचायत चहलवा के टेडिहा गांव में रविवार रात करीब 10 बजे एक जंगली टस्कर हाथी ने चेनलिंक फेंसिंग तोड़कर गांव में प्रवेश किया। हाथी ने गांव के निवासी सूरज पुत्र सुखराम, सुखराम पुत्र घूरे और परशुराम पुत्र ननकऊ के मिट्टी और फूस से बने कच्चे मकानों को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया। घर में रखे सामान और अनाज को भी हाथी ने बर्बाद कर दिया।
घटना के समय घर के लोग किसी तरह अपनी जान बचाकर भाग निकले। गांववालों ने शोर मचाया और फूस जलाकर हाथी को भगाने की कोशिश की। हालांकि, हाथी एक घंटे तक गांव में उत्पात मचाता रहा।
घायलों की स्थिति
वन विभाग से सुरक्षा की मांग
घटना के बाद गांववालों ने वन विभाग से मदद की गुहार लगाई है। पीड़ित परिवारों का कहना है कि जंगली जानवरों का आतंक उनके जीवन को मुश्किल बना रहा है। गांववालों ने वन विभाग से सुरक्षा उपाय करने और जंगली जानवरों को गांव से दूर रखने के लिए कदम उठाने की अपील की है। इसके अलावा, प्रभावित परिवारों ने मुआवजे की भी मांग की है।
जंगली जानवरों का खतरा: समस्या और समाधान
कतर्नियाघाट इलाका वन्यजीव संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन जंगल से सटे गांवों में जंगली जानवरों का खतरा लगातार बढ़ रहा है।
– वन विभाग को चाहिए कि वह चेनलिंक फेंसिंग को मजबूत करे।
– स्थानीय प्रशासन को गांववालों के लिए जागरूकता अभियान चलाना चाहिए, ताकि वे ऐसी आपदाओं से सुरक्षित रह सकें।