- बहराइच में बकरी को बचाने के लिए तेंदुए से भिड़ गया चरवाहा, पांच मिनट तक चला संघर्ष-भागा तेंदुआ
UPKeBol : उवेश रहमान : बिछिया : बहराइच। बहराइच के कतर्नियाघाट सेंक्चुरी से सटे गांव के निकट बकरी को बचाने के लिए चरवाहा तेंदुए से भिड़ गया, चरवाहा युवकों और तेन्दुए के बीच लगभग पांच मिनट तक संघर्ष चला, इस दौरान तेंदुए से संघर्ष करते हुए चरवाहा युवकों के शोर मचाने पर तेंदुआ जंगल की ओर चला गया।साहसी युवकों की गांव में सराहना हो रही है, वहीं गांव के लोगों ने जंगल के निकट जाने पर सभी युवकों को सजग रहने को कहा है।
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कतर्नियाघाट के जंगल मे वन्य जीवों का हमला लगातार बढ़ता जा रहा है जंगल से सटे गांव आबादी के निकट आये दिन तेंदुए व बाघ द्वारा मवेशियों को अपना शिकार बनाया जा रहा है। दोपहर में निशानगाड़ा रेंज के जंगल से सटे फ़कीरपुरी में गांव निवासी कैलासनाथ अपने साथ दिलीप प्रसाद के साथ खेत मे बकरियों को चरा रहा था तभी जंगल के किनारे घात लगाए बैठे तेंदुए ने एक बकरी पर हमला बोल दिया।
तेन्दुए के हमले को देख दोनों युवकों ने साहस का परिचय देते हुए तेंदुए से पांच मिनट तक संघर्ष करते हुए तेंदुए के जबड़े से बकरी को छुड़ाया। ग्रामीणो ने तत्काल सूचना रेंज कार्यालय को दी, तेंदुए के हमले की सूचना मिलते ही वन दारोगा रामसुख वाचरो की टीम के साथ मौके पर पहुंचे और लोगो को एलर्ट किया। युवकों की इस साहस की समूचे गांव मे सराहना हो रही है।
मानव वन्य जीव संघर्ष पर अंकुश को चौपाल का हुआ आयोजन
चौपाल में ईडीसी प्रभारी राधेश्याम ने बाघ, तेंदुए व हाथी से सुरक्षा के लिए सुझाव दिए। वन दारोगा गणेश शंकर शुक्ल ने कहा कि जंगल से सटे जिन ग्रामीणो के भी खेत है वह सभी किसान समूह बनाकर जाएं। तेंदुए दिखने की दशा में तत्काल सूचना वन विभाग को दें। इस दौरान वन रक्षक शंकर प्रसाद,ग्राम प्रधान,पूर्व ग्राम प्रधान,ईडीसी अध्यक्ष,बाघ मित्र,एवं अन्य ग्रामीण जन उपस्थित रहे
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