- बेज्जती का बदला या रंजिश? देव सेठ हत्याकांड से उठे बड़े सवाल
- लखीमपुर में दिनदहाड़े मर्डर, सोशल मीडिया वीडियो बना वजह?
रिपोर्ट : आयुष पाण्डेय : लखीमपुर। शहर के मिश्राना मोहल्ले में रहने वाले देव सेठ की सोमवार शाम आर्यकन्या चौराहे पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस सनसनीखेज वारदात के पीछे बदला लेने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस जांच में सामने आया कि यह हत्या बेज्जती का बदला लेने के लिए की गई हो सकती है।
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कैसे जुड़ा इस हत्याकांड का तार एक पिटाई वीडियो से?
करीब एक हफ्ते पहले लखीमपुर के नौरंगाबाद चौराहे पर एक युवक बाला की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में बाला को ऑटोलिफ्टर (बाइक चोर) बताया गया और कहा गया कि उसे रंगे हाथों पकड़ा गया था। इस घटना के बाद बाला ने आरोप लगाया था कि उसे देव सेठ और उसके साथियों ने पीटा था।
बाला इस घटना के बाद पुलिस के पास गया, लेकिन न तो चौकी इंचार्ज ने कोई जांच की और न ही कोई कार्रवाई हुई। अब देव सेठ की हत्या हो गई है, और इसमें बाला का नाम सामने आ रहा है। ऐसे में पुलिस यह मान रही है कि यह वारदात बदले की भावना से की गई हो सकती है।
पुलिस की लापरवाही बनी हत्या की वजह?
इस मामले में एक अहम सवाल यह भी है कि अगर पुलिस ने बाला की शिकायत पर ध्यान दिया होता, तो शायद यह हत्या रोकी जा सकती थी। बाला का दावा था कि उसे बेवजह पीटा गया और वीडियो वायरल कर उसकी बेज्जती की गई। लेकिन जब पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया, तो मामला और गंभीर हो गया और अब देव सेठ की हत्या हो गई।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
फिलहाल पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बाला समेत अन्य संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज और चश्मदीदों के बयान के आधार पर जल्द ही हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
समाज में बढ़ती हिंसा: बेज्जती के बदले हत्या!
यह घटना समाज में बढ़ती बदले की भावना और हिंसक प्रवृत्ति को दिखाती है। छोटे-छोटे विवाद अब सीधा हत्या तक पहुंच रहे हैं, जो बेहद चिंताजनक है। पुलिस की लापरवाही और कानून के डर की कमी भी इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा देती है।
क्या सबक लिया जाए?
- पुलिस को हर छोटी शिकायत को गंभीरता से लेना चाहिए
- सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से उत्पन्न विवादों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए
- समाज को कानून हाथ में लेने की प्रवृत्ति से बचना चाहिए
देव सेठ हत्याकांड सिर्फ एक मर्डर केस नहीं, बल्कि समाज में बढ़ती हिंसा और कानून-व्यवस्था की खामियों को उजागर करता है। पुलिस को अब इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी होगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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