UPNews : लखनऊ। हसनगंज कोतवाली लखनऊ के पुलिसकर्मी अपराधियों संग मिलकर गैंग चला रहे थे। चोरी के मामले में आजमगढ़ के व्यापारी को अगवा करने के बाद मामले का खुलासा हुआ तो पुलिस विभाग के अधिकारी सन्न रह गए। हसनगंज कोतवाली के एसएचओ ने गैंग संचालन की पुष्टि होने के बाद थाने के हेड कांस्टेबल समेत 6 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है, गैंग में थाने का हेड कांस्टेबल, एक बर्खास्त सिपाही, एक खास मुखबिर समेत छह लोग शामिल हैं।
यह भी पढ़ें : स्पा सेंटर की आड़ में चल रहा था सेक्स रैकेट, 65 युवक-युवतियां पकड़े गए
यूपी का पुलिस महकमा प्रदेश की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाले हुए है। यूपी पुलिस को मित्र पुलिस बनाने की भी मशक्कत प्रतिदिन हो रही है, लेकिन कुछ विभागीय करिंदों की गलत हरकत के चलते यूपी पुलिस को नीचा देखना पड़ रहा है। कुछ ऐसा ही मामला राजधानी लखनऊ के हसनगंज थाने से सामने आया है। हसनगंज थाने की अवैध पुलिस टीम बनाकर अपराधियों को निशाना बनाकर उनसे फिरौती वसूली जा रही थी। इसका खुलासा बीते सप्ताह इस अवैध पुलिस गैंग के द्वारा आजमगढ़ से एक कपड़ा व्यापारी इश्तियाक को उठाए जाने के बाद हुआ।
आजमगढ़ से अवैध पुलिस टीम के द्वारा उठाए गए कपड़ा व्यापारी इश्तियाक पर चोरी के मामले दर्ज है। अवैध रूप से संचालित पुलिस टीम को लगा था कि आजमगढ़ के कपड़ा व्यापारी को उठाकर उससे लाखों की फिरौती मिल जाएगी। इसके चलते बीते सप्ताह अवैध तरीके से हसनगंज थाने की पुलिस टीम बनाकर गैंग में शामिल लोगों ने कपड़ा व्यापारी इश्तियाक को आजमगढ़ से उठाया और हसनगंज क्षेत्र में एक गेस्ट हाउस में लाकर बंधक बना लिया।
फिर इश्तियाक से और उसके परिजनों से वसूली का खेल शुरू हुआ, आरोप है कपड़ा व्यापारी से 20 हजार की नगदी और 50 हजार के कपड़े छीन लिए जबकि डेढ़ लाख रुपए की और मांग की जा रही थी। लेकिन मनमाफिक रकम न मिलने के बाद कपड़ा व्यापारी इश्तियाक को छोड़ना पड़ा। अवैध पुलिस गैंग के चंगुल से छूटने के बाद इश्तियाक ने मामले की शिकायत पुलिस अधिकारियों से कर दी। पुलिस अधिकारियों ने थाने के एसएचओ से पता किया तो थाने की ना तो कोई टीम बनी थी ना ही व्यापारी को हिरासत में लेने की बात कही गई। इस पर पीड़ित व्यापारी ने एक हेड कांस्टेबल समेत जिन 6 लोगों के नामजद किया था उनकी जांच की गई तो पता चला कि यह सभी अवैध तरीके से पुलिस टीम बनाकर अपराधियों से फिरौती का खेल खेल रहे हैं।
- हसनगंज कोतवाली के एसएचओ ने गैंग संचालन की पुष्टि होने के बाद हेड कांस्टेबल समेत 6 लोगों के खिलाफ दर्ज कराई FIR, गैंग में थाने का हेड कांस्टेबल, एक बर्खास्त सिपाही, एक खास मुखबिर समेत छह लोग हैं शामिल
- यह गैंग अपराधियों को अवैध तरीके से पकड़ता था और गेस्ट हाउस में रखकर फिरौती की रकम वसूलने के बाद छोड़ देता था
इस गैंग के चलते ही हसनगंज थाने की पुलिस को बदनामी झेलनी पड़ रही है। पूरे मामले की गहनता से जांच हुई तो पता चला कि हसनगंज थाने की अवैध पुलिस टीम बनाकर अपराधियों से फिरौती वसूल करने वालों में हसनगंज थाने का हेड कांस्टेबल युसुफ, बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र व बिचौलिया शेखर शामिल हैं। एक दरोगा व दो अन्य लोगों की भूमिका भी संदिग्ध मिली है। इसका खुलासा होने के बाद पुलिस अधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसक गई।
एडीसीपी मनीषा सिंह ने बताया कि शनिवार को लखनऊ के हसनगंज कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक ने हेड कांस्टेबल युसुफ, बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र व बिचौलिया शेखर समेत सभी छह लोगों के खिलाफ अवैध पुलिस टीम बनाकर अपराधियों से फिरौती वसूलने, बंधक बनाकर धमकाने, सरकारी कार्य में साजिश रचने और बाधा पहुंचाने समेत विभिन्न गंभीर धाराओं में हसनगंज थाने में केस दर्ज करवाया है। मामले का खुलासा होने के बाद से आरोपी पुलिस कर्मी व अन्य फरार है। उनकी तलाश के लिए पुलिस टीमें लगातार छापेमारी कर रही है।
फतेहपुर में अवैध पुलिस टीम को लोगों ने खदेड़ा था
आपको बताते चलें कि हसनगंज थाने की अवैध पुलिस टीम बनाकर फिरौती वसूलने का खेल अरसे से चल रहा था। बीते माह इस अवैध पुलिस टीम ने फतेहपुर जिले के थरियांव क्षेत्र में स्थित एक हाते में छापा मारा था। वहां के लोगों ने इस अवैध पुलिस टीम पर हमला कर खदेड़ लिया था। इस टीम में एक दरोगा के अलावा हसनगंज थाने का हेड कांस्टेबल युसुफ, बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र व बिचौलिया शेखर भी शामिल था। पुलिस टीम पर हमले की बात सामने आने के बाद दबिश देने गए पुलिस कर्मियों ने कहा था कि इनायत नाम के एक अपराधी का सत्यापन करना था।
लेकिन जब मामले की जांच हुई थी तो इसमें भी खुलासा हुआ था कि वहां दबिश का कोई निर्देश नहीं था। इसके बावजूद पुलिसकर्मियों ने अपराधियों के साथ मिलकर दबिश दी थी। लेकिन इस मामले को पुलिस अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया जिसके चलते गैंग का खेल चलता रहा और आजमगढ़ के कपड़ा व्यापारी को गैंग द्वारा उठाने के बाद अब मामले का पर्दाफाश हुआ है।
अपना वीडियो बयान जारी कर फंस गया मुखबिर शेखर
कपड़ा व्यापारी इश्तियाक की ओर से शिकायत की जाने के बाद अपने को मामले में फंसता देख आरोपी मुखबिर शेखर ने बचने के लिए शनिवार को वीडियो बयान जारी कर कहा कि मैंने अपहरण आदि की जो सूचना दी थी वह झूठी थी। आपस में शराब के नशे में विवाद हुआ था मामले में दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया है। मुखबिर शेखर के इस वीडियो बयान के सामने आने के बाद जांच टीम का शक और पुख्ता हो गया था, और कुछ ही घंटे में उसकी पूरी भूमिका भी सामने आ गई।
यह भी पढ़ें : स्पा सेंटर की आड़ में चल रहा था सेक्स रैकेट, 65 युवक-युवतियां पकड़े गए