- कतर्नियाघाट पहुचे पक्षी वैज्ञानिक टी के रॉय ने कहा पक्षियों के दुर्लभ प्रजातियों का संरक्षण जरूरी… देखें Video
More than 1300 species of birds are found in India, out of which 79 species are found only in India : उवेश रहमान : बिछिया : बहराइच। जनपद के कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग का जंगल अनेकों दुर्लभ प्रजाति की चिड़ियों का ठिकाना माना जाता है। जहां कई संस्था बाघ, तेंदुआ, हाथी, डॉल्फिन समेत कई वन्य जीवों के संरक्षण पर कार्य कर रही है। पक्षी वैज्ञानिक इकोलॉजिस्ट टी के रॉय ने बताया कि इसी तरह पक्षियों के संरक्षण पर कार्य करने की आवश्यकता है।
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कतर्नियाघाट पहुंचे पक्षी वैज्ञानिक एवं इकोलॉजिस्ट टी के रॉय ने बताया कि वह 3 दिन के लिए कतर्नियाघाट भ्रमण पर आए हैं। उन्होंने कहा कि निशानगाड़ा रेंज अंतर्गत रमपुरवा मटेही गांव में स्थित पूर्व डीएफओ के रेस्टहाउस में वह रह रहे हैं। उन्होंने डीएफओ कतर्नियाघाट बी शिवशंकर को पत्र लिखकर कतर्नियाघाट में पक्षियों को लेकर वन कर्मियों के साथ एक कार्यशाला आयोजित करने के लिए परमीशन मांगी है।
पक्षी वैज्ञानिक टी के रॉय ने बताया कि संपूर्ण विश्व में 10 हजार प्लस प्रजातियां विभिन्न पक्षियों की हैं, इनमें से पक्षियों की 1300 प्लस प्रजातियां भारत में पायी जाती है, जो एक सुखद स्थिति है। पक्षी वैज्ञानिक ने बताया कि 79 प्रजातियां ऐसी है जो सिर्फ भारत में ही पाई जाती हैं जिनका दीदार करने विदेश से सैलानी भारत आते हैं।
उन्होंने बताया कि पक्षियों के लिहाज से कतर्नियाघाट का जंगल उनके लिए बेहद अनुकूल है और कतर्नियाघाट में बड़ी संख्या में पक्षियों की प्रजातियां निवास करती हैं। अगर उन्हें मौका मिला तो वह कतर्नियाघाट में पक्षियों के विषय में लोगों को प्रशिक्षित करना चाहेंगे।
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पक्षियों के संरक्षण से कतर्नियाघाट में बढ़ेंगे सैलानी
पूर्व डीएफओ आनंद कुमार ने बताया कि उन्होंने चंबल के जंगल में बतौर वन अधिकारी के रूप में कार्य किया है उस दौरान उनकी मुलाकात पक्षी वैज्ञानिक टी के रॉय से हुई जिन्हें पक्षियों की पहचान व उनके संरक्षण के लिए जरूरी हर बारीकियों पर महारत हासिल है। कतर्नियाघाट में पक्षियों की अनगिनत प्रजातियां पाई जाती हैं। वन विभाग को टी के रॉय को कार्य करने का मौका देना चाहिए जिससे पक्षियों के बेहतर ज्ञान से कतर्नियाघाट का पर्यटन और भी विकसित हो सकता है।
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