- यूपी में अब शिक्षकों के पारस्परिक स्थानांतरण पर भी संकट, 12 जनवरी के आदेश से मची अफरा तफरी, शिक्षक आंदोलित
UPKeBol : बहराइच। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के क्रियाकलापों के चलते बेसिक शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों के लिए अन्तः जनपदीय स्थानांतरण, अंतर्जनपदीय स्थानांतरण, पारस्परिक स्थानांतरण, पदोन्नति, आदि कार्य बीरबल की खिचड़ी होकर रह गए हैं। यह कार्य वर्षों से चल रहे हैं, परंतु विभागीय अव्यवहारिक आदेशों के कारण अभी तक पूर्ण हो नहीं पा रहे हैं। हाल ही में 11 से 13 जनवरी के बीच पारस्परिक स्थानांतरण होने का आदेश आया। अभी लोग कुछ सोच पाते तब तक 12 जनवरी 2024 को सचिव बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद का एक पत्र निर्गत हुआ जिसमें कहा गया है की जो शिक्षक बीएलओ कार्य कर रहे हैं उन्हें कार्य मुक्त नहीं किया जाएगा। जिन शिक्षकों ने अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के शिक्षक होते हुए अंग्रेजी माध्यम से भिन्न विद्यालय के शिक्षक शिक्षिका के साथ जोड़ा बनाया है उन्हें भी कार्य मुक्त नहीं किया जाएगा। एआरपी ने यदि किसी भिन्न शिक्षक के साथ जोड़ा बनाया है तो उन्हें भी कार्य मुक्त नहीं किया जाएगा। ऐसे शिक्षक जो अवकाश पर हैं या निलंबित हैं को भी कार्य मुक्त नहीं किया जाना है। इस आदेश के बाद विभाग में अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है वहीं शिक्षकों में भारी आक्रोश पनप रहा है।
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गौरतलब हो कि 20जनवरी 23 के आदेश के तहत शिक्षकों ने अपने जोड़े बनाए थे, यह जोड़े विभाग द्वारा स्वीकृत किए गए थे, इन पर कोई आपत्ति नहीं जताई गई और जब अब 11 से 13 के बीच में पूरी प्रक्रिया पूर्ण कर शिक्षकों को कार्य मुक्त होना है तो 12 तारीख को ऐसा आदेश जारी कर दिया गया जो पूर्णतया न सिर्फ अव्यवहारिक है बल्कि शिक्षक विरोधी भी माना जा रहा है।
- जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष विद्या विलास पाठक बोले वापस लिए जाएं सभी तुगलकी आदेश वरना होगी हड़ताल, सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे शिक्षक
इस संबंध में अपना विरोध दर्ज कराते हुए जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष विद्या विलास पाठक ने कहा कि शासन के कुछ अधिकारी सरकार की मंशा के विपरीत शिक्षकों का उत्पीड़न करने में लगे हैं, जिसके कारण 2015 के बाद से अब तक कोई पदोन्नति नहीं हो सकी है। अभी पदोन्नति की प्रक्रिया प्रारंभ कराई गई थी, उसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और अब अंन्त: जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण में भी ऐसे नियम बताए जा रहे हैं जिससे शिक्षकों को स्थानांतरण का लाभ ही नहीं मिल पाएगा।
सबसे दिलचस्प बात यह है की 9 तारीख को आदेश किया जाता है 11 से 13 जनवरी तक सभी शिक्षक जिनके जोड़े बने हैं वह विद्यालय से मुक्त होकर स्थानांतरित विद्यालय में कार्यभार ग्रहण कर ले। अब यह अपने आप में अजीब हाल है की नौ के आदेश के तहत बहुत से शिक्षको ने कार्य मुक्त होकर कार्यभार ग्रहण कर लिया और अब 12 जनवरी के आदेश में कहा जा रहा है की जो प्रतिबंध लगाए गए हैं उसके अनुसार कार्यभार ग्रहण हो। अब वह शिक्षक क्या करें जो अपने विद्यालय से कार्य मुक्त हो गए। यह स्थानांतरण बीरबल की खिचड़ी बनकर रह गए हैं, जिन पर हाडीं तो चढ़ी रहेगी पर खिचड़ी बन कभी नहीं पाएगी।
जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष विद्या विलास पाठक ने कहा कि संघ ऐसे सभी फरमानों का विरोध करता है और सरकार से मांग करता है कि शिक्षक विरोधी मानसिकता रखने वाले अधिकारियों को बेसिक शिक्षा विभाग से मुक्त कर सकारात्मक सोच वाले अधिकारियों की नियुक्ति की जाए।
ऐसे सभी तुगलकी आदेश वापस लिए जाएं जो शिक्षक विरोधी हैं, जिला अध्यक्ष श्री पाठक ने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो मजबूर होकर शिक्षक हड़ताल पर जाने को मजबूर होगा तथा सड़क पर उतरकर ऐसे फरमानों का विरोध करेगा।
जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष एम सिराजुद्दीन न्यूटन एवं प्रांतीय संयुक्त मंत्री भूपेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव ने इस 12 जनवरी के आदेश को शिक्षक एवं जन विरोधी आदेश बताया है और शिक्षकों को आश्वासन दिया है कि ऐसे सभी तानाशाही फरमानों का संगठन विरोध करेगा। संघ के महामंत्री प्रवीण श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष अतुल त्रिपाठी ने भी ऐसे आदेशों को शिक्षक विरोधी बताया है और इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है।
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