- बहराइच के धर्मापुर में पिंजरे में कैद हुई आदमखोर मादा तेंदुआ, अब तक कर चुकी है कई हमले
- मादा तेंदुआ को परीक्षण के लिए ले जाया गया रेंज कार्यालय
- तेन्दुए के हमले में हो चुकी है एक बालिका की मौत, जबकि दूसरी बालिका है गंभीर रूप से घायल
Prayer of the female captured in a cage in Dharamapur village of Bahraich : उवेश रहमान : बिछिया : बहराइच। यूपी के बहराइच जिले के कतर्नियाघाट सेंक्चुरी में स्थित धर्मापुर गांव में बीते कई दिनों से उत्पात मचा मचा रही मादा तेंदुआ सोमवार देर रात को शिकार की कोशिश में पिंजरे में कैद हो गई। सूचना पाकर अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। मादा तेंदुए को रेंज कार्यालय ले जाया गया है। मादा तेंदुआ बीते एक सप्ताह में न सिर्फ एक बालिका को निवाला बन चुकी है बल्कि उसने हमला कर कई लोगों को घायल भी किया है। देर रात तेंदुए के पिंजरे में कैद होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। सुबह चिकित्सकों की टीम स्वास्थ्य परीक्षण करेगी इसके बाद वन विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई होगी।
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आपको बताते चलें कि कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के जंगल से सटे आबादी क्षेत्र में तेंदुए का हमला बीते एक सप्ताह से अचानक बढ़ गया है। तीन दिन पूर्व धर्मापुर रेंज के धर्मापुर गांव में गांव निवासी चुन्नु की पुत्री शमा को तेंदुआ हमला कर जंगल के निकट गन्ने के खेत में घसीट ले गया था। इसके बाद जब ग्रामीणों ने खोज शुरू की तो दूसरे दिन शमा का क्षत-विक्षत अवस्था मे शव जंगल के किनारे गन्ने के खेत मे मिला था।
तेन्दुए द्वारा शमा को निवाला बनाने के सिर्फ दो दिन बाद यानी शनिवार शाम को धर्मापुर गांव में ही सुखराम की पुत्री श्रद्धा को तेंदुए ने हमला कर घायल कर दिया था। ताबड़तोड़ दो घटना के बाद के बाद से ही लोगो मे दहशत का माहौल था। इसके अलावा अन्य कई मवेशियों को हमला कर तेंदुए ने मार डाला था।
तेंदुए के हमले की लगातार घटित हो रही घटनाओं को देखते हुए वनक्षेत्राधिकारी मोबीन आरिफ ने वन कर्मियीं की टीम गठित कर रात्रि पेट्रोलिंग तेज कर दी थी। इसके साथ ही डब्ल्यूटीआई (वाइल्डलाइफ ट्रस्ट आफ इंडिया) की टीम ने गांव पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना। इसके बाद आदमखोर बन चुकी तेंदुए को पकड़ने के लिए डब्ल्यूटीआई और वन विभाग में पिंजरा लगाकर 15 थर्मो सेंसर कैमरे स्थापित किया। लगातार तेंदुए के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही थी।
वन क्षेत्राधिकारी मोबिन आरिफ ने बताया कि सोमवार रात 9:00 बजे के आसपास जब तेंदुआ शिकार के लिए निकाला तो वह वन विभाग की ओर से लगाए गए पिंजरे में कैद हो गया। इस दौरान पेट्रोलिग टीम को तेंदुए की गुर्राहट सुनाई पड़ी। वन कर्मी ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचे तो पिंजरे में तेंदुए को देखकर अचंभित रह गए।
तेन्दुए के पिंजरे में फंसने की सूचना पाकर वन क्षेत्राधिकारी मोबिन आरिफ भी मौके पर पहुंचे। वन क्षेत्र अधिकारी ने बताया कि तेंदुए को सुरक्षित रेंज कार्यालय ले जाया गया है। सुबह चिकित्सकों का पैनल स्वास्थ्य परीक्षण करेगा इसके बाद उच्च अधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्यवाही होगी। उन्होंने कहा कि पिंजरे में कैद हुई मादा तेंदुआ लगभग 4 माह की है। उधर तेंदुए के पिंजरे में कैद होने की सूचना पाकर गांव के लोग भी काफी खुश नजर आ रहे हैं।
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