- लक्कड़शाह का सालाना उर्स कल लेकिन इस बार भी नही लगेगा मेला सिर्फ मजार पर जाने और जियारत करने की है अनुमति
- परंपरागत रीतिरिवाज मनाने की पूरी अनुमति रहेगी लेकिन लंगर बनाने व दुकानें लगाने पर पूरी तरह प्रतिबंध
उवेश रहमान : बिछिया : बहराइच। कतर्निया घाट के जंगल में प्रति वर्ष लगने वाले लक्कड़शाह का सालाना उर्स कल परम्परागत तरीके से मनाया जाएगा, लेकिन इस बार भी लक्कड़शाह की मजार पर मेला नही लगेगा सिर्फ मजार पर जाने और जियारत करने की अनुमति ही अकीदतमंदों को होगी।
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आपको बताते चलें कि जनपद बहराइच के कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के मुर्तिहा रेंज जंगल में स्थित प्राचीन मजार सैय्यद हासिम शाह उर्फ लक्कड़ शाह की मजार पर कल 14 जून दिन शुक्रवार को सालाना उर्स का दिन है। लक्कड़ शाह के इस मजार पर उर्स के साथ मेला लगने की भी परंपरा रही है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से कोविड के समय से यहां पर मेला के आयोजन पर रोक लगा दी गयी थी। जिसके बाद से अब वन विभाग की ओर से अब हर साल इस मेला पर पाबंदी लगा दी जाती है, उसी के तहत वन विभाग ने इस साल भी मेला लगाने पर रोक लगाई गयी है।
रेंजर मुर्तिहा रत्नेश यादव ने बताया कि कतर्निया घाट सेंक्चुरी क्षेत्र है ऐसे में भीड़ भाड़ और मेला सेंक्चुरी क्षेत्र में नहीं लग सकता वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए जायरीनों को जियारत व परंपरागत रीतिरिवाज मनाने की ही पूरी अनुमति रहेगी लेकिन कतर्निया घाट सेंक्चुरी क्षेत्र में सुरक्षा और पर्यावरण के मद्देनज़र मजार शरीफ के आसपास लंगर बनाने व दुकानें लगाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है।