- सुजौली क्षेत्र के चार ग्राम पंचायत के 24 से अधिक गांव में बाढ़, डेढ़ हजार से अधिक परिवार प्रभावित… देखें Video
- एक्टिव मोड पर प्रशासन, बाढ़ पीड़ितों के लिए बनाई गई बाढ़ चौकियां, छह हजार से अधिक लंच पैकेट बटवाने का काम शुरू
- प्रधान प्रतिनिधि जंगल गुलरिया बोले भुखमरी की कगार पर हैं कई परिवार, जहाँ नाव से मदद पहुचाना मुश्किल, हवाई व्यवस्था की रखी मांग
उवेश रहमान : बहराइच। पहाड़ी और मैदानी इलाकों में भारी वर्षा के बाद सुजौली क्षेत्र के चार ग्राम पंचायत के 24 से अधिक गांव में बाढ़ का संकट है। अचानक आयी इस बाढ़ से डेढ़ हजार से अधिक परिवार प्रभावित हैं। हालांकि बाढ़ के संकट के बाद प्रशासन एक्टिव मोड पर है।
बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं, छह हजार से अधिक लंच पैकेट बटवाने का काम शुरू हुआ है लेकिन सभी तक सहायता पहुंचना नाकाफी साबित हो रहा है।प्रधान प्रतिनिधि जंगल गुलरिया बोले कि कई परिवार राहत सहायता से वंचित हो भुखमरी की कगार पर हैं वहीं कई परिवार तक नाव से मदद पहुचाना मुश्किल है, इसके लिए हवाई व्यवस्था की मांग की गयी है।
राहत सहायता न मिलने से भुखमरी के कगार पर हैं इन गाँवो के ग्रामीण
ग्राम प्रधान जंगल गुलरिया ने बताया की उनके ग्राम पंचायत के करीब आधा दर्जन मजरे धनिया बेली, रामपुर रेतिया, धर्मपुर रेतिया, सम्पत पुरवा, नौका पुरवा, भैसा बुढ़ना पूरी तरह बाढ़ की चपेट में हैँ, जहाँ के लोग भुखमरी की कगार पर हैँ वहाँ पर नाव से भी लंच या राहत सामग्री पहुचाना मुश्किल हैं यहाँ हवाई व्यवस्था से ही लोगों तक मदद पहुचाई जा सकती है।
चौधरी चरण सिंह घाघरा बैराज से जलस्तर पर एक नज़र में :👉
बैराज प्रभारी नितिन यादव ने बताया की शुक्रवार की शाम से घाघरा का जलस्तर बढ़ने लगा था शुक्रवार की शाम से शनिवार की सुबह 9 बजे तक तीन लाख 69 हजार 492 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा था लेकिन शनिवार की सुबह 10 बजे से जलस्तर घटने लगा जिसके बाद गाँव में बाढ़ का पानी धीरे धीरे कम होने लगेगा।
वर्ष 2002 से मात्र एक दर्जन लोगों को ही मिला है प्रधानमंत्री आवास
बाढ़ से पीड़ित जंगल गुलरिया के प्रधान प्रतिनिधी ने बाढ़ पीड़ितों की समस्या को किया उजागर, खोली विकास कार्यों की पोल, कहा वर्ष 2002 से वर्तमान तक ग्राम पंचायत में मात्र एक दर्जन लोगों को ही प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है।