- बसपा नेता सुरेंद्र सागर की पार्टी से विदाई: बेटे की शादी पर मचा सियासी बवाल
- मायावती ने बताया पार्टी विरोधी कदम
रामपुर। उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अपने दिग्गज नेता सुरेंद्र सागर को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। वजह बनी उनके बेटे अंकुर सागर की शादी समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक त्रिभुवन दत्त की बेटी से। इस कदम को बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी विरोधी गतिविधि करार दिया है।
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जानिए क्या है पूरा मामला?
- शादी पर विवाद: सुरेंद्र सागर के बेटे की शादी सपा विधायक की बेटी से होने के कारण बसपा नेतृत्व ने इसे अनुशासनहीनता माना।
- निष्कासन की घोषणा: प्रमोद सागर, जो अब तक जिलाध्यक्ष थे, उनको भी पार्टी से बाहर कर दिया गया।
- नया जिलाध्यक्ष: ज्ञान प्रकाश बौद्ध को रामपुर जिले का नया जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
- चार नए प्रभारी: जिले में चार नए प्रभारी बनाए गए हैं—महेंद्र सिंह सागर, नवनीत यदुवंशी, ईश्वरी लाल प्रजापति और राजकुमार सागर।
सुरेंद्र सागर की सफाई
सुरेंद्र सागर ने कहा, *”मैंने कोई अनुशासनहीनता नहीं की है। मैंने हमेशा पार्टी को मजबूत करने का काम किया है। बेटे की शादी व्यक्तिगत मामला है।”* उनका दावा है कि बसपा नेतृत्व ने उनकी स्थिति को गलत तरीके से देखा।
मायावती का सख्त रुख
बसपा में अनुशासन को लेकर मायावती हमेशा सख्त रही हैं। इस मामले में भी उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि पार्टी के हित सर्वोपरि हैं।
बसपा के लिए क्या मायने रखता है यह फैसला?
- आंतरिक सख्ती: बसपा में अनुशासन की नीति को और मजबूत संदेश मिला।
- राजनीतिक संकेत: बसपा और सपा की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में यह फैसला गहरा असर छोड़ सकता है।
बसपा का यह कदम पार्टी अनुशासन पर उनकी सख्ती को दर्शाता है, लेकिन सवाल यह भी उठता है कि व्यक्तिगत मामलों में राजनीति का दखल कहां तक उचित है? सुरेंद्र सागर की विदाई से बसपा में हलचल जरूर बढ़ गई है।
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