कानपुर। एक युवक 8 दिन तक अपने को नायब तहसीलदार होने की बात करते हुए कानपुर देहात के अधिकारियों को चकमा दिया। 8 दिन तक युवक सरकारी खर्चे पर सरकारी सुइट्स में ठहरा, खूब मौजमस्ती की। मामला खुलता देखा तो युवक नौ दो ग्यारह हो गया। हालांकि अधिकारियों को झांसा देकर भाग रहे युवक को वाहन का इंतजार करते समय दबोच लिया गया। केस दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
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अफसरों और कर्मचारियों की आंखों में धूल झोंक कर कानपुर देहात में आठ दिन तक फर्जी नायब तहसीलदार बनकर रहे युवक को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया। आपको बताते चलें कि फतेहपुर के मलक्का ढकौली राधा नगर निवासी रोहित मिश्रा 28 दिसंबर को माती मुख्यालय पहुंचा। उसने कलेक्ट्रेट में तैनात स्थापना लिपिक से मिलकर खुद को नायब तहसीलदार बताया, यह भी कहा कि इसी जिले में उसकी नियुक्ति हुई है। इसके बाद युवक ने बेखौफ़ डीएम से भी मुलाक़ात कर अकबरपुर तहसील से संबद्ध होने की बात कही। इसके बाद युवक ने तहसील अकबरपुर पहुंचकर तहसीलदार रणविजय सिंह से मिलकर उनसे भी डीएम से की गयी बात दोहरा दी।
तहसीलदार ने रोहित मिश्रा की बातों पर विश्वास कर उसे ठहरने के लिए सर्किट हाउस में सुइट नंबर तीन जारी करवा दिया। सब कुछ ठीक-ठाक चला रहा और फर्जी नायब तहसीलदार रोहित अकबरपुर तहसील आता-
जाता रहा। सर्किट हाउस में उसके रहने के साथ ही खाने-पीने का भी इंतजाम हो गया।
सप्ताह भर तक रोहित के प्लान के मुताबिक सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा। वह तहसील से माती तक चक्कर लगा कर नायब तहसीलदार के पद पर ड्यूटी भी करता रहा। लेकिन बीते चार जनवरी को सुइट नंबर तीन में नायब तहसीलदार के ठहरने की सूचना तहसीलदार ने डीएम कार्यालय को दी। इस पर डीएम ने तहसीलदार ने तत्काल उसे बुलाने की बात कही।
इस पर तहसीलदार ने रोहित को फोन कर कहा कि डीएम साहब ने बुलाया है, कुछ विभागीय बात करना चाहते हैं, इसी बात पर रोहित को शक हुआ और उसने अपना मोबाइल बंद कर बैग लेकर सर्किट हाउस छोड़ दिया। लेकिन रोहित को डीएम के ओएसडी ने नबीपुर में वाहन का इंतजार करते समय दबोच लिया और तहसीलदार के सुपुर्द कर दिया। जांच में फर्जी होने का खुलासा होने पर नायब तहसीलदार सदर रवींद्र मिश्र की तहरीर पर आरोपी रोहित के खिलाफ धारा 170 व 420 के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।
अफसरों के व्हाट्सएप ग्रुप से भी जुड़ा है रोहित
फर्जी नायब तहसीलदार बन कर चकमा देने वाला रोहित अफसरों के व्हाट्सएप ग्रुप से भी जुड़ा हुआ है। जांच पड़ताल के दौरान पुलिस को पता चला है कि रोहित सिविल सेवा की तैयारी करता है, इसी से उसके संपर्क कुछ अफसरों से हो गए। हालांकि मामले का खुलासा होने के बाद उसे ग्रुप से रिमूव कर दिया गया है।
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