- दुर्लभ वन्यजीवों की कब्रगाह बनता जा रहा है बहराइच का कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग
- जंगल के समीप खेत में तेंदुए के शावक का शव मिलने के बाद फिर वन्यजीवों की सुरक्षा पर उठने लगे सवाल
उवेश रहमान : बहराइच। बहराइच का कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग दुर्लभ वन्यजीवों की कब्रगाह बनता जा रहा है। जंगल के समीप रविवार को खेत में तेंदुए के शावक का शव मिलने के बाद फिर वन्यजीवों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। इस घटना के बाद वन विभाग के अधिकारी सकते में हैं, हालांकि मामले की जाँच शुरू कर दी गयी है, लेकिन बाघ और तेंदुए की मौत का सिलसिला कब थमेगा यह सवाल सभी के जेहन में है।
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कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के जंगलों व जंगल से सटे आसपास के ग्रामीण इलाकों में वन्य जीवों के शव मिलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। लगातार जंगल तथा आसपास के समीप वर्ती खेतों में वन्यजीवों के शव मिलने की घटनाएं लगातार सामने आ रही है।
आपको बताते चलें कि कुछ दिन पूर्व गेरुआ नदी में बाघ व डॉल्फिन का शव उतराता हुआ मिला था। अब ताजा मामला मिहींपुरवा तहसील क्षेत्र अंतर्गत स्थित कतर्नियाघाट वन्य जीव विभाग के मोतीपुर रेंज के बन घुसरी बीट के समीप स्थित ग्राम राजापुर कला का है। जहां जंगल से सटे एक खेत में एक तेंदुए के शावक का शव मिला है।
तेन्दुए के शावक के इस शव के मिलने के बाद वन विभाग आपसी संघर्ष में मौत की आशंका जता रहा है। शव को मोतीपुर रेंज कार्यालय लाकर वन विभाग द्वारा गठित चिकित्सको की टीम द्वारा उसका पोस्टमार्टम कराया गया है। मृत तेन्दुए के शावक की उम्र आठ से नौ माह के आसपास बताई जा रही है।
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