Madhya Pradesh Viral VIDEO: क्या आपने कभी ऐसी दुल्हन देखा है जो बग्घी पर सवार होकर, काला चश्मा लगाकर, हाथ में फायर क्रेकर गन संग आतिशबाजी और डांस करते हुए बारात निकाले, नहीं न… तो आज देख लीजिये। मध्य प्रदेश की काला चश्मा लगाए हुए दुल्हन का बग्घी पर डांस करते हुए video viral हुआ है। असल में यह वीडियो किसी सोशल मीडिया प्लेटफार्म के लिए नहीं बन रहा बल्कि बारात निकाल रही दुल्हन का यह वास्तविक वीडियो मध्य प्रदेश के बुरहानपुर का है। दुल्हन अपनी क्षेत्रीय परंपरा का निर्वहन कर रही है, लेकिन दुल्हन का अंदाज इतना निराला है कि लोगों के कमरे में कैद हुआ उसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
यह भी पढ़ें : बहराइच में भीषण सड़क हादसे में पति की मौत, पत्नी और बेटी जख्मी
इस समय शादियों का सीजन शुरू हुआ है, ऐसे में अनोखी शादी का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, यह परम्परा हमारे आपके लिए भले ही अनोखी है लेकिन मध्य प्रदेश में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। परंपरा के तहत शादी के दिन दुल्हन को बारात लेकर दूल्हे के घर जाना होता है, दूल्हे के घर दुल्हन की बारात का पहुंचना यह संकेत होता है कि शादी की तैयारी पूरी है दूल्हा बारात लेकर मंडप पहुंचे।
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में इसी पुरानी परंपरा का निर्वहन एक दुल्हन करती हुई दिख रही है, लेकिन दुल्हन का अंदाज सबसे अलग है। अन्य शादियों में हल्के फुल्के अंदाज में दुल्हन परंपरा निभाती है लेकिन आप जो वीडियो देख रहे हैं इस वीडियो में दुल्हन बग्घी पर सवार होकर काला चश्मा पहन कर डांस करते हुए हाथ में फायर क्रैकर गन लेकर मनमोहन लुक में नजर आ रही है।
यहाँ क्लिक कर 👉देखें दुल्हन का वायरल वीडियो
बग्घी पर काला चश्मा पहने सवार दुल्हन ने “अरे ससुर जी अब जिद छोड़ो मान लो मेरी बात, दुल्हन तो जाएगी”… गाने पर डांस करते हुए जब फायर क्रैकर गन से आतिशबाजी शुरू कर दी तो बारात में शामिल लोगों ने भी आतिशबाजी करते हुए दुल्हन का साथ दिया, फिर नजारा कितना मनमोहक दिख रहा है, वीडियो में आप स्वयं देख सकते हैं। लोग इस पल को अपने मोबाइल कैमरे में कैद करने से नहीं चूके, और दुल्हन का डांस करता हुआ अजब-गजब अंदाज का VIDEO Viral हो गया।
लुप्त हो रही थी परंपरा अब फिर से हुई है शुरू
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के कई इलाकों में पाटीदार समाज, सकल, पंच, मोढ, वाणिक समाज और गुजराती समाज में यह परंपरा अरसा पहले प्रचलन में थी। इस परम्परा को कन्या घाटडी परंपरा के नाम से जाना जाता है। लेकिन समय के साथ परंपरा पर धुंधली परत छा गई। लोग इस परंपरा को भूलते जा रहे थे, लेकिन जब नई लड़कियों को इस परंपरा का पता चला तो सभी नें परंपरा निबंध के लिए न सिर्फ अपने परिवार को मनाया बल्कि दूल्हा पक्ष को भी राजी किया। इसके बाद बरसों से बंद परंपरा फिर से अब दिखने लगी है।
बेटियों के सम्मान की है यह परंपरा
पाटीदार समाज के एक बुजुर्ग बताते हैं कि वास्तव में कन्या घाटडी परंपरा बेटियों को सम्मान प्रदान करने वाली परंपरा है, जिसके तहत बेटों को घोड़ी पर सवार करने के बजाय बारात में घोड़ी पर दुल्हन को बिठाने का रस्म है। इससे बेटियों को समाज में बराबरी का हक मिलता है। परम्परा के तहत दुल्हन घोडी या बग्घी पर सवार होकर अपने होने वाले पति के घर बारात के रूप में जाती है, और उसे शादी के लिए अपने घर आने का निमंत्रण देती है।
यह भी पढ़ें : बहराइच में भीषण सड़क हादसे में पति की मौत, पत्नी और बेटी जख्मी